प्रिय दोस्तों! हमारा उद्देश्य आपके लिए किसी भी पाठ्य को सरलतम रूप देकर प्रस्तुत करना है, हम इसको बेहतर बनाने पर कार्य कर रहे है, हम आपके धैर्य की प्रशंसा करते है| मुक्त ज्ञानकोष, वेब स्रोतों और उन सभी पाठ्य पुस्तकों का मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ, जहाँ से जानकारी प्राप्त कर इस लेख को लिखने में सहायता हुई है | धन्यवाद!

Tuesday, June 30, 2020

तुम सुणौ दयाल म्हारी अरजी - tum sunau dayaal mhaaree arajee -- मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

June 30, 2020 0 Comments
तुम सुणौ दयाल म्हारी अरजी॥ भवसागर में बही जात हौं, काढ़ो तो थारी मरजी। इण संसार सगो नहिं कोई, सांचा सगा रघुबरजी॥ मात पिता औ कुटुम कबीलो सब मतलब के गरजी। मीरा की प्रभु अरजी सुण लो चरण लगाओ थारी मरजी॥ शब्दार्थ :-म्हारी =मेरी। काढ़ो =निकाढ़ लो, निकाल ले। इण =यह। गरजी =स्वार्थी थारी =तुम्हारी। - मीराबाई- Meera...

म्हारे जनम-मरण साथी थांने नहीं बिसरूं दिनराती - mhaare janam-maran saathee thaanne nahin bisaroon dinaraatee - - मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

June 30, 2020 0 Comments
म्हारे जनम-मरण साथी थांने नहीं बिसरूं दिनराती॥ थां देख्या बिन कल न पड़त है, जाणत मेरी छाती। ऊंची चढ़-चढ़ पंथ निहारूं रोय रोय अंखियां राती॥ यो संसार सकल जग झूठो, झूठा कुलरा न्याती। दोउ कर जोड्यां अरज करूं छूं सुण लीज्यो मेरी बाती॥ यो मन मेरो बड़ो हरामी ज्यूं मदमाती हाथी। सतगुर हस्त धर्‌यो सिर ऊपर आंकुस दै समझाती॥ पल...

साजन घर आओनी मीठा बोला - saajan ghar aaonee meetha bola -- मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

June 30, 2020 0 Comments
साजन घर आओनी मीठा बोला॥ कदकी ऊभी मैं पंथ निहारूं थारो, आयां होसी मेला॥ आओ निसंक, संक मत मानो, आयां ही सुक्ख रहेला॥ तन मन वार करूं न्यौछावर, दीज्यो स्याम मोय हेला॥ आतुर बहुत बिलम मत कीज्यो, आयां हो रंग रहेला॥ तुमरे कारण सब रंग त्याग्या, काजल तिलक तमोला॥ तुम देख्या बिन कल न पड़त है, कर धर रही कपोला॥ मीरा दासी जनम...

घर आंगण न सुहावै, पिया बिन मोहि न भावै - ghar aangan na suhaavai, piya bin mohi na bhaavai - मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

June 30, 2020 0 Comments
घर आंगण न सुहावै, पिया बिन मोहि न भावै॥ दीपक जोय कहा करूं सजनी, पिय परदेस रहावै। सूनी सेज जहर ज्यूं लागे, सिसक-सिसक जिय जावै॥ नैण निंदरा नहीं आवै॥ कदकी उभी मैं मग जोऊं, निस-दिन बिरह सतावै। कहा कहूं कछु कहत न आवै, हिवड़ो अति उकलावै॥ हरि कब दरस दिखावै॥ ऐसो है कोई परम सनेही, तुरत सनेसो लावै। वा बिरियां कद होसी मुझको,...

म्हारी सुध ज्यूं जानो त्यूं लीजो - mhaaree sudh jyoon jaano tyoon leejo -- मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

June 30, 2020 0 Comments
म्हारी सुध ज्यूं जानो त्यूं लीजो॥ पल पल ऊभी पंथ निहारूं, दरसण म्हाने दीजो। मैं तो हूं बहु औगुणवाली, औगण सब हर लीजो॥ मैं तो दासी थारे चरण कंवलकी, मिल बिछड़न मत कीजो। मीरा के प्रभु गिरधर नागर, हरि चरणां चित दीजो॥ शब्दार्थ :- ऊभी =खड़ी। म्हाने = मुझे। औगण =अवगुण, दोष। कंवल = कमल। - मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi...

सखी, मेरी नींद नसानी हो - sakhee, meree neend nasaanee ho -- मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

June 30, 2020 0 Comments
सखी, मेरी नींद नसानी हो। पिवको पंथ निहारत सिगरी रैण बिहानी हो॥ सखिअन मिलकर सीख दई मन, एक न मानी हो। बिन देख्यां कल नाहिं पड़त जिय ऐसी ठानी हो॥ अंग अंग व्याकुल भई मुख पिय पिय बानी हो। अंतरबेदन बिरह की कोई पीर न जानी हो॥ ज्यूं चातक घनकूं रटै, मछली जिमि पानी हो। मीरा व्याकुल बिरहणी सुद बुध बिसरानी हो॥ शब्दार्थ...

पिया मोहि दरसण दीजै हो - piya mohi darasan deejai ho -- मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

June 30, 2020 0 Comments
पिया मोहि दरसण दीजै हो। बेर बेर मैं टेरहूं, या किरपा कीजै हो॥ जेठ महीने जल बिना पंछी दुख होई हो। मोर असाढ़ा कुरलहे घन चात्रा सोई हो॥ सावण में झड़ लागियो, सखि तीजां खेलै हो। भादरवै नदियां वहै दूरी जिन मेलै हो॥ सीप स्वाति ही झलती आसोजां सोई हो। देव काती में पूजहे मेरे तुम होई हो॥ मंगसर ठंड बहोती पड़ै मोहि बेगि...

Monday, June 29, 2020

पपइया रे, पिव की वाणि न बोल - papiya re, piv kee vaani na bol -- मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

June 29, 2020 0 Comments
पपइया रे, पिव की वाणि न बोल। सुणि पावेली बिरहुणी रे, थारी रालेली पांख मरोड़॥ चोंच कटाऊं पपइया रे, ऊपर कालोर लूण। पिव मेरा मैं पीव की रे, तू पिव कहै स कूण॥ थारा सबद सुहावणा रे, जो पिव मेंला आज। चोंच मंढ़ाऊं थारी सोवनी रे, तू मेरे सिरताज॥ प्रीतम कूं पतियां लिखूं रे, कागा तू ले जाय। जाइ प्रीतम जासूं यूं कहै रे, थांरि...

करुणा सुणो स्याम मेरी, मैं तो होय रही चेरी तेरी - karuna suno syaam meree, main to hoy rahee cheree teree - - मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

June 29, 2020 0 Comments
करुणा सुणो स्याम मेरी, मैं तो होय रही चेरी तेरी॥ दरसण कारण भई बावरी बिरह-बिथा तन घेरी। तेरे कारण जोगण हूंगी, दूंगी नग्र बिच फेरी॥ कुंज बन हेरी-हेरी॥ अंग भभूत गले मृगछाला, यो तप भसम करूं री। अजहुं न मिल्या राम अबिनासी बन-बन बीच फिरूं री॥ रोऊं नित टेरी-टेरी॥ जन मीरा कूं गिरधर मिलिया दुख मेटण सुख भेरी। रूम रूम साता...

तुम्हरे कारण सब छोड्या, अब मोहि क्यूं तरसावौ हौ - tumhare kaaran sab chhodya, ab mohi kyoon tarasaavau hau - - मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

June 29, 2020 0 Comments
तुम्हरे कारण सब छोड्या, अब मोहि क्यूं तरसावौ हौ। बिरह-बिथा लागी उर अंतर, सो तुम आय बुझावौ हो॥ अब छोड़त नहिं बड़ै प्रभुजी, हंसकर तुरत बुलावौ हौ। मीरा दासी जनम जनम की, अंग से अंग लगावौ हौ॥ शब्दार्थ :- कारण =लिए, खातिर। छोड़त नहिं बड़ै = छोड़ने से काम नहीं चलेगा। - मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi...

मैं हरि बिन क्यों जिऊं री माइ - main hari bin kyon jioon ree mai -- मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

June 29, 2020 0 Comments
मैं हरि बिन क्यों जिऊं री माइ॥ पिव कारण बौरी भई, ज्यूं काठहि घुन खाइ॥ ओखद मूल न संचरै, मोहि लाग्यो बौराइ॥ कमठ दादुर बसत जल में जलहि ते उपजाइ। मीन जल के बीछुरे तन तलफि करि मरि जाइ॥ पिव ढूंढण बन बन गई, कहुं मुरली धुनि पाइ। मीरा के प्रभु लाल गिरधर मिलि गये सुखदाइ॥ शब्दार्थ :- ओषद = औषधि, दवा। संचरै =अमर करे।...

गोबिन्द कबहुं मिलै पिया मेरा - gobind kabahun milai piya mera -- मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

June 29, 2020 0 Comments
गोबिन्द कबहुं मिलै पिया मेरा॥ चरण कंवल को हंस हंस देखूं, राखूं नैणां नेरा। निरखणकूं मोहि चाव घणेरो, कब देखूं मुख तेरा॥ व्याकुल प्राण धरत नहिं धीरज, मिल तूं मीत सबेरा। मीरा के प्रभु गिरधर नागर ताप तपन बहुतेरा॥ शब्दार्थ :- नैणा नेरा = आंखों के निकट। चाव = चाह। घणेरो =बहुत अधिक। सवेरा = जल्दी ही। -...

राम मिलण के काज सखी, मेरे आरति उर में जागी री - raam milan ke kaaj sakhee, mere aarati ur mein jaagee ree - - मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

June 29, 2020 0 Comments
राम मिलण के काज सखी, मेरे आरति उर में जागी री॥ तड़फत तड़फत कल न परत है, बिरहबाण उर लागी री। निसदिन पंथ निहारूं पिव को, पलक न पल भरि लागी री॥ पीव पीव मैं रटूं रात दिन, दूजी सुध बुध भागी री। बिरह भुजंग मेरो डस्यो है कलेजो, लहर हलाहल जागी री॥ मेरी आरति मैटि गोसाईं, आय मिलौ मोहि सागी री। मीरा व्याकुल अति उकलाणी,...

हरि बिन ना सरै री माई - hari bin na sarai ree maee -- मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

June 29, 2020 0 Comments
हरि बिन ना सरै री माई। मेरा प्राण निकस्या जात, हरी बिन ना सरै माई। मीन दादुर बसत जल में, जल से उपजाई॥ तनक जल से बाहर कीना तुरत मर जाई। कान लकरी बन परी काठ धुन खाई। ले अगन प्रभु डार आये भसम हो जाई॥ बन बन ढूंढत मैं फिरी माई सुधि नहिं पाई। आओ मनमोहना जी जोऊं थांरी बाट। खान पान मोहि नैक न भावै नैणन लगे कपाट॥ तुम...

हरि बिन ना सरै री माई - hari bin na sarai ree maee -- मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

June 29, 2020 0 Comments
हरि बिन ना सरै री माई। मेरा प्राण निकस्या जात, हरी बिन ना सरै माई। मीन दादुर बसत जल में, जल से उपजाई॥ तनक जल से बाहर कीना तुरत मर जाई। कान लकरी बन परी काठ धुन खाई। ले अगन प्रभु डार आये भसम हो जाई॥ बन बन ढूंढत मैं फिरी माई सुधि नहिं पाई। एक बेर दरसण दीजे सब कसर मिटि जाई॥ पात ज्यों पीली पड़ी अरु बिपत तन छाई। दासि...

साजन, सुध ज्यूं जाणो लीजै हो - saajan, sudh jyoon jaano leejai ho -- मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

June 29, 2020 0 Comments
साजन, सुध ज्यूं जाणो लीजै हो। तुम बिन मोरे और न कोई, क्रिपा रावरी कीजै हो॥ दिन नहीं भूख रैण नहीं निंदरा, यूं तन पल पल छीजै हो। मीरा के प्रभु गिरधर नागर , मिल बिछड़न मत कीजै हो॥ शब्दार्थ :- साजन =प्रियतम। रावरी =तुम्हारी। निंदरा =नींद। बिछड़न =वियोग। - मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi...

पिय बिन सूनो छै जी म्हारो देस - piy bin soono chhai jee mhaaro des -- मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

June 29, 2020 0 Comments
पिय बिन सूनो छै जी म्हारो देस॥ ऐसो है कोई पिवकूं मिलावै, तन मन करूं सब पेस। तेरे कारण बन बन डोलूं, कर जोगण को भेस॥ अवधि बदीती अजहूं न आए, पंडर हो गया केस। रा के प्रभु कब र मिलोगे, तज दियो नगर नरेस॥ शब्दार्थ :- सूनो = सूना। छै =है। म्हारो देस = मेरा देश अर्थात् जीवन। पेस -समर्पण। बदीती =बीत गई। पंडर = सफेद। नगर नरेस...

मैं बिरहणि बैठी जागूं जगत सब सोवे री आली - main birahani baithee jaagoon jagat sab sove ree aalee -- मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

June 29, 2020 0 Comments
मैं बिरहणि बैठी जागूं जगत सब सोवे री आली॥ बिरहणी बैठी रंगमहल में, मोतियन की लड़ पोवै| इक बिहरणि हम ऐसी देखी, अंसुवन की माला पोवै॥ तारा गिण गिण रैण बिहानी , सुख की घड़ी कब आवै। मीरा के प्रभु गिरधर नागर, जब मोहि दरस दिखावै॥ शब्दार्थ :- बिरहणी =विरहनी। पोवै =गूंथती है। रैण =रात। बिहानी = बीत गयी। - मीराबाई-...

है मेरो मनमोहना, आयो नहीं सखी री - hai mero manamohana, aayo nahin sakhee ree -- मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

June 29, 2020 0 Comments
है मेरो मनमोहना, आयो नहीं सखी री॥ कैं कहुं काज किया संतन का, कै कहुं गैल भुलावना॥ कहा करूं कित जाऊं मेरी सजनी, लाग्यो है बिरह सतावना॥ मीरा दासी दरसण प्यासी, हरिचरणां चित लावना॥ शब्दार्थ :-काज =काम। गैल = रास्ता। लावना =लगाना है। - मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi...

प्रभुजी थे कहां गया नेहड़ो लगाय - prabhujee the kahaan gaya nehado lagaay -- मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

June 29, 2020 0 Comments
प्रभुजी थे कहां गया नेहड़ो लगाय। छोड़ गया बिस्वास संगाती प्रेमकी बाती बलाय॥ बिरह समंद में छोड़ गया छो, नेहकी नाव चलाय। मीरा के प्रभु कब र मिलोगे, तुम बिन रह्यो न जाय॥ शब्दार्थ :- थे =तू। नेहड़ो = प्रेम। बाती बलाय =आग लगाकर। समंद =समुद्र। छो = हो। कब र = अरे, कब। - मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi...

सांवरा म्हारी प्रीत निभाज्यो जी - saanvara mhaaree preet nibhaajyo jee -- मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love|| Please Subscribe to our youtube channel

June 29, 2020 0 Comments
सांवरा म्हारी प्रीत निभाज्यो जी॥ थे छो म्हारा गुण रा सागर, औगण म्हारूं मति जाज्यो जी। लोकन धीजै (म्हारो) मन न पतीजै, मुखडारा सबद सुणाज्यो जी॥ मैं तो दासी जनम जनम की, म्हारे आंगणा रमता आज्यो जी। मीरा के प्रभु गिरधर नागर, बेड़ो पार लगाज्यो जी॥ शब्दार्थ :- निभाज्यो =निभा लेना। थे छौ =तुम हो। औगण =अवगुण, दोष, भूलें।...

Sunday, June 28, 2020

दरस बिनु दूखण लागे नैन - daras binu dookhan laage nain- मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

June 28, 2020 0 Comments
दरस बिनु दूखण लागे नैन। जबसे तुम बिछुड़े प्रभु मोरे, कबहुं न पायो चैन॥ सबद सुणत मेरी छतियां कांपे, मीठे लागे बैन। बिरह कथा कांसूं कहूं सजनी, बह गई करवत ऐन॥ कल न परत पल हरि मग जोवत, भई छमासी रैन। मीरा के प्रभू कब र मिलोगे, दुखमेटण सुखदैन॥ शब्दार्थ :- सुणत =याद आते ही। बहगई करवत =जैसे आरी चल गई। मेटण = मेटनेवाले।...

माई म्हारी हरिजी न बूझी बात - maee mhaaree harijee na bujhee baat -- मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

June 28, 2020 0 Comments
माई म्हारी हरिजी न बूझी बात। पिंड मांसूं प्राण पापी निकस क्यूं नहीं जात॥ पट न खोल्या मुखां न बोल्या, सांझ भई परभात। अबोलणा जु बीतण लागो, तो काहे की कुशलात॥ सावण आवण होय रह्यो रे, नहीं आवण की बात। रैण अंधेरी बीज चमंकै, तारा गिणत निसि जात॥ सुपन में हरि दरस दीन्हों, मैं न जान्यूं हरि जात। नैण म्हारा उघण आया, रही...

नातो नामको जी म्हांसूं तनक न तोड्यो जाय - naato naamako jee mhansun tanak na todyo jaay -- मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

June 28, 2020 0 Comments
नातो नामको जी म्हांसूं तनक न तोड्यो जाय॥ पानां ज्यूं पीली पड़ी रे, लोग कहैं पिंड रोग। छाने लांघण म्हैं किया रे, राम मिलण के जोग॥ बाबल बैद बुलाइया रे, पकड़ दिखाई म्हांरी बांह। मूरख बैद मरम नहिं जाणे, कसक कलेजे मांह॥ जा बैदां, घर आपणे रे, म्हांरो नांव न लेय। मैं तो दाझी बिरहकी रे, तू काहेकूं दारू देय॥ मांस गल गल...

गली तो चारों बंद हुई, मैं हरिसे मिलूं कैसे जाय - galee to chaaron band huee, main harise miloon kaise jaay - - मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

June 28, 2020 0 Comments
गली तो चारों बंद हुई, मैं हरिसे मिलूं कैसे जाय। ऊंची नीची राह लपटीली, पांव नहीं ठहराय। सोच सोच पग धरूं जतनसे, बार बार डिग जाय॥ ऊंचा नीचा महल पियाका म्हांसूं चढ़्‌यो न जाय। पिया दूर पंथ म्हारो झीणो, सुरत झकोला खाय॥ कोस कोस पर पहरा बैठ्या, पैंड़ पैंड़ बटमार। है बिधना, कैसी रच दीनी दूर बसायो म्हांरो गांव॥ मीरा के...

राम मिलण रो घणो उमावो, नित उठ जोऊं बाटड़ियाँ - raam milan ro ghano umaavo, nit uth jooon baatadiyaan - - मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

June 28, 2020 0 Comments
राम मिलण रो घणो उमावो, नित उठ जोऊं बाटड़ियाँ। दरस बिना मोहि कछु न सुहावै, जक न पड़त है आँखड़ियाँ॥ तड़फत तड़फत बहु दिन बीते, पड़ी बिरह की फांसड़ियाँ। अब तो बेग दया कर प्यारा, मैं छूं थारी दासड़ियाँ॥ नैण दुखी दरसणकूं तरसैं, नाभि न बैठें सांसड़ियाँ। रात-दिवस हिय आरत मेरो, कब हरि राखै पासड़ियाँ॥ लगी लगन छूटणकी नाहीं,...

स्वामी सब संसार के हो सांचे श्रीभगवान - svaamee sab sansaar ke ho saanche shreebhagavaan -- मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

June 28, 2020 0 Comments
स्वामी सब संसार के हो सांचे श्रीभगवान। स्थावर जंगम पावक पाणी धरती बीज समान॥ सब में महिमा थांरी देखी कुदरत के करबान। बिप्र सुदामा को दालद खोयो बाले की पहचान॥ दो मुट्ठी तंदुल कि चाबी दीन्ह्यों द्रव्य महान। भारत में अर्जुन के आगे आप भया रथवान॥ अर्जुन कुलका लोग निहार्‌या छुट गया तीरकमान। कोई मारे ना कोई मरतो, तेरो...

अब तो निभायाँ सरेगी, बांह गहेकी लाज - ab to nibhaayaan saregee, baanh gahekee laaj-- मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

June 28, 2020 0 Comments
अब तो निभायाँ सरेगी, बांह गहेकी लाज। समरथ सरण तुम्हारी सइयां, सरब सुधारण काज॥ भवसागर संसार अपरबल, जामें तुम हो झयाज। निरधारां आधार जगत गुरु तुम बिन होय अकाज॥ जुग जुग भीर हरी भगतन की, दीनी मोच्छ समाज। मीरां सरण गही चरणन की, लाज रखो महाराज॥ शब्दार्थ :- निभायां =निबाहने से ही। सरेगी =बनेगी। अपरबल =प्रबल, अपार।...

प्यारे दरसन दीज्यो आय, तुम बिन रह्यो न जाय - pyaare darasan deejyo aay, tum bin rahyo na jaay -- मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

June 28, 2020 0 Comments
प्यारे दरसन दीज्यो आय, तुम बिन रह्यो न जाय॥ जल बिन कमल, चंद बिन रजनी। ऐसे तुम देख्यां बिन सजनी॥ आकुल व्याकुल फिरूं रैन दिन, बिरह कलेजो खाय॥ दिवस न भूख, नींद नहिं रैना, मुख सूं कथत न आवै बैना॥ कहा कहूं कछु कहत न आवै, मिलकर तपत बुझाय॥ क्यूं तरसावो अंतरजामी, आय मिलो किरपाकर स्वामी॥ मीरां दासी जनम जनम की, पड़ी तुम्हारे...

सुण लीजो बिनती मोरी, मैं शरण गही प्रभु तेरी - sun leejo binatee moree, main sharan gahee prabhu teree - - मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

June 28, 2020 0 Comments
सुण लीजो बिनती मोरी, मैं शरण गही प्रभु तेरी। तुम (तो) पतित अनेक उधारे, भवसागर से तारे॥ मैं सबका तो नाम न जानूं, कोई कोई नाम उचारे। अम्बरीष सुदामा नामा, तुम पहुंचाये निज धामा॥ ध्रुव जो पांच वर्ष के बालक, तुम दरस दिये घनस्यामा। धना भक्त का खेत जमाया, कबिरा का बैल चराया॥ सबरी का जूंठा फल खाया, तुम काज किये मनभाया। सदना...

मीरा को प्रभु साँची दासी बनाओ - meera ko prabhu saanchee daasee banaana -- मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

June 28, 2020 0 Comments
मीरा को प्रभु साँची दासी बनाओ। झूठे धंधों से मेरा फंदा छुड़ाओ॥ लूटे ही लेत विवेक का डेरा। बुधि बल यदपि करूं बहुतेरा॥ हाय!हाय! नहिं कछु बस मेरा। मरत हूं बिबस प्रभु धाओ सवेरा॥ धर्म उपदेश नितप्रति सुनती हूं। मन कुचाल से भी डरती हूं॥ सदा साधु-सेवा करती हूं। सुमिरण ध्यान में चित धरती हूं॥ भक्ति-मारग दासी को दिखलाओ। मीरा...

राग धुनपीलू हरि बिन कूण गती मेरी - raag dhunapeeloo hari bin koon gatee meree -- मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

June 28, 2020 0 Comments
राग धुनपीलू हरि बिन कूण गती मेरी। तुम मेरे प्रतिपाल कहिये मैं रावरी चेरी॥ आदि अंत निज नाँव तेरो हीयामें फेरी। बेर बेर पुकार कहूं प्रभु आरति है तेरी॥ यौ संसार बिकार सागर बीच में घेरी। नाव फाटी प्रभु पाल बाँधो बूड़त है बेरी॥ बिरहणि पिवकी बाट जोवै राखल्यो नेरी। दासि मीरा राम रटत है मैं सरण हूं तेरी॥ शब्दार्थ...

मेरो मन राम-हि-राम रटै। - mero man raam-hee-raam ratai. -- मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

June 28, 2020 0 Comments
मेरो मन राम-हि-राम रटै। राम-नाम जप लीजै प्राणी! कोटिक पाप कटै। जनम-जनम के खत जु पुराने, नामहि‍ लेत फटै। कनक-कटोरै इमरत भरियो, नामहि लेत नटै। मीरा के प्रभु हरि अविनासी तन-मन ताहि पटै। - मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love|| Please Subscribe...

राम-नाम-रस पीजै - raam-naam-ras peejai- मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

June 28, 2020 0 Comments
राम-नाम-रस पीजै। मनवा! राम-नाम-रस पीजै। तजि कुसंग सतसंग बैठि नित, हरि-चर्चा सुणि लीजै। काम क्रोध मद मोह लोभ कूं, चित से बाहय दीजै। मीरा के प्रभु गिरधर नागर, ता के रंग में भीजै। - मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love|| Please Subscribe to...

माई री! मैं तो लियो गोविंदो मोल - maee ree! main to liyo govindo mol -- मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

June 28, 2020 0 Comments
माई री! मैं तो लियो गोविंदो मोल। कोई कहै छानै, कोई कहै छुपकै, लियो री बजंता ढोल। कोई कहै मुहंघो, कोई कहै सुहंगो, लियो री तराजू तोल। कोई कहै कारो, कोई कहै गोरो, लियो री अमोलिक मोल। या ही कूं सब जाणत है, लियो री आँखी खोल। मीरा कूं प्रभु दरसण दीज्‍यो, पूरब जनम को कोल। - मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi...

दरस म्हारे बेगि दीज्यो जी - daras mhaare begi deejyo jee -- मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

June 28, 2020 0 Comments
दरस म्हारे बेगि दीज्यो जी ! ओ जी! अन्तरजामी ओ राम ! खबर म्हारी बेगि लीज्यो जी आप बिन मोहे कल ना पडत है जी ! ओजी! तडपत हूँ दिन रैन रैन में नीर ढले है जी गुण तो प्रभुजी मों में एक नहीं छै जी ! ओ जी अवगुण भरे हैं अनेक, अवगुण म्हारां माफ करीज्यो जी भगत बछल प्रभु बिड़द कहाये जी ! ओ जी! भगतन के प्रतिपाल, सहाय आज म्हांरी...

म्हारो प्रणाम बांकेबिहारीको - mhaaro pranaam baankebihaareeko -- मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

June 28, 2020 0 Comments
म्हारो प्रणाम बांकेबिहारीको। मोर मुकुट माथे तिलक बिराजे। कुण्डल अलका कारीको म्हारो प्रणाम अधर मधुर कर बंसी बजावै। रीझ रीझौ राधाप्यारीको म्हारो प्रणाम यह छबि देख मगन भई मीरा। मोहन गिरवरधारीको म्हारो प्रणाम - मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love|| Please...

अब तो निभायां सरेगी बाँह गहे की लाज - ab to nibhaayaan saregee baanh gahe kee laaj -- मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

June 28, 2020 0 Comments
अब तो निभायां सरेगी बाँह गहे की लाज। समरथ शरण तुम्हारी सैयां सरब सुधारण काज।। भवसागर संसार अपरबल जामे तुम हो जहाज। गिरधारां आधार जगत गुरु तुम बिन होय अकाज।। जुग जुग भीर हरी भगतन की दीनी मोक्ष समाज। "मीरा" शरण गही चरणन की लाज रखो महाराज।। - मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi...

नटवर नागर नन्दा, भजो रे मन गोविन्दा - natavar naagar nanda, bhajo re man govinda -- मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

June 28, 2020 0 Comments
नटवर नागर नन्दा, भजो रे मन गोविन्दा, श्याम सुन्दर मुख चन्दा, भजो रे मन गोविन्दा। तू ही नटवर, तू ही नागर, तू ही बाल मुकुन्दा , सब देवन में कृष्ण बड़े हैं, ज्यूं तारा बिच चंदा। सब सखियन में राधा जी बड़ी हैं, ज्यूं नदियन बिच गंगा, ध्रुव तारे, प्रहलाद उबारे, नरसिंह रूप धरता। कालीदह में नाग ज्यों नाथो, फण-फण निरत करता...

दूर नगरी, बड़ी दूर नगरी-नगरी - door nagaree, badee door nagaree-nagaree -- मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

June 28, 2020 0 Comments
दूर नगरी, बड़ी दूर नगरी-नगरी कैसे मैं तेरी गोकुल नगरी दूर नगरी बड़ी दूर नगरी रात को कान्हा डर माही लागे, दिन को तो देखे सारी नगरी। दूर नगरी... सखी संग कान्हा शर्म मोहे लागे, अकेली तो भूल जाऊँ तेरी डगरी। दूर नगरी... धीरे-धीरे चलूँ तो कमर मोरी लचके झटपट चलूँ तो छलकाए गगरी। दूर नगरी... मीरा कहे प्रभु गिरधर नागर, तुमरे...
Page 1 of 399123399Next

UP Free Scooty Scheme 2025 कैसे करें यूपी फ्री स्कूटी के लिए आवेदन यहाँ देखें सम्पूर्ण जानकारी

 UP Free Scooty Scheme 2025 कैसे करें यूपी फ्री स्कूटी के लिए आवेदन यहाँ देखें सम्पूर्ण जानकारी उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य की छात्राओं के ल...