प्रिय दोस्तों! हमारा उद्देश्य आपके लिए किसी भी पाठ्य को सरलतम रूप देकर प्रस्तुत करना है, हम इसको बेहतर बनाने पर कार्य कर रहे है, हम आपके धैर्य की प्रशंसा करते है| मुक्त ज्ञानकोष, वेब स्रोतों और उन सभी पाठ्य पुस्तकों का मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ, जहाँ से जानकारी प्राप्त कर इस लेख को लिखने में सहायता हुई है | धन्यवाद!

Tuesday, June 30, 2020

म्हारी सुध ज्यूं जानो त्यूं लीजो - mhaaree sudh jyoon jaano tyoon leejo -- मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

म्हारी सुध ज्यूं जानो त्यूं लीजो॥
पल पल ऊभी पंथ निहारूं, दरसण म्हाने दीजो।
मैं तो हूं बहु औगुणवाली, औगण सब हर लीजो॥
मैं तो दासी थारे चरण कंवलकी, मिल बिछड़न मत कीजो।
मीरा के प्रभु गिरधर नागर, हरि चरणां चित दीजो॥


शब्दार्थ :- ऊभी =खड़ी। म्हाने = मुझे। औगण =अवगुण, दोष। कंवल = कमल।



- मीराबाई- Meera Bai

#www.poemgazalshayari.in

||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

Please Subscribe to our youtube channel

https://www.youtube.com/channel/UCdwBibOoeD8E-QbZQnlwpng

No comments:

Post a Comment

लिनक्स OS क्या है ? लिनेक्स कई विशेषता और उसके प्रकारों के बारे में विस्तार समझाइए ?

 लिनक्स OS  क्या है ? लिनेक्स कई विशेषता और उसके प्रकारों  के बारे में विस्तार समझाइए ? Content: 1. लिनक्स OS  क्या है ? 2. कुछ प्रसिद्द लिन...