प्रिय दोस्तों! हमारा उद्देश्य आपके लिए किसी भी पाठ्य को सरलतम रूप देकर प्रस्तुत करना है, हम इसको बेहतर बनाने पर कार्य कर रहे है, हम आपके धैर्य की प्रशंसा करते है| मुक्त ज्ञानकोष, वेब स्रोतों और उन सभी पाठ्य पुस्तकों का मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ, जहाँ से जानकारी प्राप्त कर इस लेख को लिखने में सहायता हुई है | धन्यवाद!

Monday, June 29, 2020

हरि बिन ना सरै री माई - hari bin na sarai ree maee -- मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

हरि बिन ना सरै री माई।
मेरा प्राण निकस्या जात, हरी बिन ना सरै माई।
मीन दादुर बसत जल में, जल से उपजाई॥
तनक जल से बाहर कीना तुरत मर जाई।
कान लकरी बन परी काठ धुन खाई।
ले अगन प्रभु डार आये भसम हो जाई॥
बन बन ढूंढत मैं फिरी माई सुधि नहिं पाई।
आओ मनमोहना जी जोऊं थांरी बाट।
खान पान मोहि नैक न भावै नैणन लगे कपाट॥

तुम आयां बिन सुख नहिं मेरे दिल में बहोत उचाट।
मीरा कहै मैं बई रावरी, छांड़ो नाहिं निराट॥


शब्दार्थ :- जोऊं थारी बाट = तेरी राह देखती हूं। आयां बिनि =बिना आये। उचाट =बेचैनी। निराट = असहाय।




- मीराबाई- Meera Bai

#www.poemgazalshayari.in

||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

Please Subscribe to our youtube channel

https://www.youtube.com/channel/UCdwBibOoeD8E-QbZQnlwpng

No comments:

Post a Comment

Describe the difference between a public network and a private network @PoemGazalShayari.in

 Describe the difference between a public network and a private network Topic Coverd: Private Network: Access Restriction Security Scalabili...