बड़ेन सों जान पहिचान कै रहीम काह - baden son jaan pahichaan kai raheem kaah -Rahim- abdul rahim khan-i-khana रहीम- अब्दुल रहिम खान-ए-ख़ाना
बड़ेन सों जान पहिचान कै रहीम काह,
जो पै करतार ही न सुख देनहार है।
सीत-हर सूरज सों नेह कियो याही हेत,
ताऊ पै कमल जारि डारत तुषार है॥
नीरनिधि माँहि धस्यो, शंकर के सीस बस्यो,
तऊ ना कलंक नस्यो, ससि में सदा रहै।
बड़ो रीझिवार है, चकोर दरबार है,
कलानिधि सो यार, तऊ चाखत अँगार है॥
Rahim- abdul rahim khan-i-khana
रहीम- अब्दुल रहिम खान-ए-ख़ाना