प्रिय दोस्तों! हमारा उद्देश्य आपके लिए किसी भी पाठ्य को सरलतम रूप देकर प्रस्तुत करना है, हम इसको बेहतर बनाने पर कार्य कर रहे है, हम आपके धैर्य की प्रशंसा करते है| मुक्त ज्ञानकोष, वेब स्रोतों और उन सभी पाठ्य पुस्तकों का मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ, जहाँ से जानकारी प्राप्त कर इस लेख को लिखने में सहायता हुई है | धन्यवाद!

Friday, September 18, 2020

बुझा है दिल भरी महफ़िल में रौशनी देकर - bujha hai dil bharee mahafil mein raushanee dekar -नज़ीर बनारसी - Nazir Banarsi

 बुझा है दिल भरी महफ़िल में रौशनी देकर

मरूँगा भी तो हज़ारों को ज़िन्दगी देकर


क़दम-क़दम पे रहे अपनी आबरू का ख़याल

गई तो हाथ न आएगी जान भी देकर


बुज़ुर्गवार ने इसके लिए तो कुछ न कहा

गए हैं मुझको दुआ-ए-सलामती देकर


हमारी तल्ख़-नवाई को मौत आ न सकी

किसी ने देख लिया हमको ज़हर भी देकर


न रस्मे दोस्ती उठ जाए सारी दुनिया से

उठा न बज़्म से इल्ज़ामे दुश्मनी देकर


तिरे सिवा कोई क़ीमत चुका नहीं सकता

लिया है ग़म तिरा दो नयन की ख़ुशी देकर



नज़ीर बनारसी - Nazir Banarsi


No comments:

Post a Comment

लिनक्स OS क्या है ? लिनेक्स कई विशेषता और उसके प्रकारों के बारे में विस्तार समझाइए ?

 लिनक्स OS  क्या है ? लिनेक्स कई विशेषता और उसके प्रकारों  के बारे में विस्तार समझाइए ? Content: 1. लिनक्स OS  क्या है ? 2. कुछ प्रसिद्द लिन...