मिट्टी का गहरा अंधकार - mittee ka gahara andhakaar -Sumitra Nandan Pant - सुमित्रानंदन पंत #Poem_Gazal_Shayari
Rahee Books
February 29, 2020
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मिट्टी का गहरा अंधकार
डूबा है उसमें एक बीज,--
वह खो न गया, मिट्टी न बना,
कोदों, सरसों से क्षुद्र चीज!
उस छोटे उर में छिपे हुए
हैं डाल-पात औ’ स्कन्ध-मूल,
गहरी हरीतिमा की संसृति,
बहु रूप-रंग, फल और फूल!
वह है मुट्ठी में बंद किए
वट के पादप का महाकार,
संसार एक! आश्चर्य एक!
वह एक बूँद, सागर अपार!
बन्दी उसमें जीवन-अंकुर
जो...