प्रिय दोस्तों! हमारा उद्देश्य आपके लिए किसी भी पाठ्य को सरलतम रूप देकर प्रस्तुत करना है, हम इसको बेहतर बनाने पर कार्य कर रहे है, हम आपके धैर्य की प्रशंसा करते है| मुक्त ज्ञानकोष, वेब स्रोतों और उन सभी पाठ्य पुस्तकों का मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ, जहाँ से जानकारी प्राप्त कर इस लेख को लिखने में सहायता हुई है | धन्यवाद!

Friday, February 28, 2020

प्राण! तुम लघु लघु गात! - praan! tum laghu laghu gaat! -Sumitra Nandan Pant - सुमित्रानंदन पंत #Poem_Gazal_Shayari

प्राण! तुम लघु लघु गात!
नील नभ के निकुंज में लीन,
नित्य नीरव, नि:संग नवीन,
निखिल छवि की छवि! तुम छवि हीन
अप्सरी-सी अज्ञात!

अधर मर्मरयुत, पुलकित अंग
चूमती चलपद चपल तरंग,
चटकतीं कलियाँ पा भ्रू-भंग
थिरकते तृण; तरु-पात!

हरित-द्युति चंचल अंचल छोर
सजल छवि, नील कंचु, तन गौर,
चूर्ण कच, साँस सुगंध झकोर,
परों में सांय-प्रात!

विश्व हृत शतदल निभृत निवास,
अहिर्निशि जग-जीवन-हास-विलास,
अदृश्य, अस्पृश्य अजात!

Sumitra Nandan Pant - सुमित्रानंदन पंत 

#Poem_Gazal_Shayari

No comments:

Post a Comment

राजकीय सम्मान के साथ रतन टाटा का अंतिम संस्कार किया गया

   राजकीय सम्मान के साथ रतन टाटा का अंतिम संस्कार किया गया टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन नवल टाटा का गुरुवार 10 अक्टूबर को मुंबई के वर्ली श्म...