प्रिय दोस्तों! हमारा उद्देश्य आपके लिए किसी भी पाठ्य को सरलतम रूप देकर प्रस्तुत करना है, हम इसको बेहतर बनाने पर कार्य कर रहे है, हम आपके धैर्य की प्रशंसा करते है| मुक्त ज्ञानकोष, वेब स्रोतों और उन सभी पाठ्य पुस्तकों का मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ, जहाँ से जानकारी प्राप्त कर इस लेख को लिखने में सहायता हुई है | धन्यवाद!

Thursday, August 8, 2019

नशे की आग में देखा गुलाब या'नी तू - nashe kee aag mein dekha gulaab yanee too -Mahshar afridi - महशर आफ़रीदी

नशे की आग में देखा गुलाब या'नी तू 

बदन के जाम में देसी शराब या'नी तू 

हमारे लम्स ने सब तार कस दिए उस के 

वो झनझनाने को बेकल रबाब या'नी तू 

हर एक चेहरा नज़र से चखा हुआ देखा 

हर इक नज़र से अछूता शबाब या'नी तू 

सफ़ेद क़लमें हुईं तो सियह-ज़ुल्फ़ मिली 

अब ऐसी उम्र में ये इंक़लाब या'नी तू 

मय ख़ुद ही अपनी निगाहों कि दाद देता हूँ 

हज़र चेहरों में इक इंतिख़ाब या'नी तू 

मिले मिले न मिले नेकियों का फल मुझ को 

ख़ुदा ने दे दिया मुझ को सवाब या'नी तू 

गुदाज़ जिस्म कमल होंट मर्मरी बाहें 

मिरी तबीअ'त पे लिक्खी किताब या'नी तू 

मैं तेरे इश्क़ से पहले गुनाह करता था 

मुझे दिया गया दिलकश अज़ाब या'नी तू 

-Mahshar afridi - महशर आफ़रीदी

No comments:

Post a Comment

Describe the difference between a public network and a private network @PoemGazalShayari.in

 Describe the difference between a public network and a private network Topic Coverd: Private Network: Access Restriction Security Scalabili...