प्रिय दोस्तों! हमारा उद्देश्य आपके लिए किसी भी पाठ्य को सरलतम रूप देकर प्रस्तुत करना है, हम इसको बेहतर बनाने पर कार्य कर रहे है, हम आपके धैर्य की प्रशंसा करते है| मुक्त ज्ञानकोष, वेब स्रोतों और उन सभी पाठ्य पुस्तकों का मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ, जहाँ से जानकारी प्राप्त कर इस लेख को लिखने में सहायता हुई है | धन्यवाद!

Saturday, July 13, 2019

ख़ून से सींचता है बग़ीचे को जो - khoon se seenchata hai bageeche ko jo - - Mohammad Imran "Prataparh" - मो० इमरान "प्रतापगढ़ी"

ख़ून से सींचता है बग़ीचे को जो,
मेरी नज़रों में वो बाग़बां आप हैं !
हम सभी छात्र तो हैं ज़मीं की तरह,
हमपे छाए हुए आसमां आप हैं,…..!!!
जाति की डोर ना बांध पाई कभी,
आप हिन्दू रहे ना मुसलमां रहे !
इक तरफ़ होठ पर श्लोक गीता के तो,
दूसरी ओर होठों पे कलमा रहे !!
नफ़रतों से झुलसते हुए देश में,
देखिए एकता के निशां आप हैं….!!!
मेरी नज़रों में वो बाग़बां आप हैं …..!!!
हम सभी से अगर कोई ग़लती हुई,
आपने हमको मौक़ा दोबारा दिया !
पांव जो लड़खड़ाए कभी राह में,
आपने हमको बढ़ के सहारा दिया !!
दिल में ममता के सागर छुपाए हुए,
मेरी नज़रों में तो एक मां आप हैं……!!
मेरी नज़रों में वो बाग़बां आप हैं…..!!!
आप थोड़ा सा गर चेत जाएंगे तो,
देश का पूरा नक़्शा बदल जाएगा !
देश का जो युवा गर्त में जा रहा,
उसका बहका भी क़दम सम्भल जाएगा !!
आपके साथ में नौजवां देश का,
सच में तनहा नहीं कारवां आप हैं….!!
मेरी नज़रों में वो बाग़बां आप हैं….!!!

- Mohammad Imran "Prataparh" - मो० इमरान "प्रतापगढ़ी"

No comments:

Post a Comment

Describe the difference between a public network and a private network @PoemGazalShayari.in

 Describe the difference between a public network and a private network Topic Coverd: Private Network: Access Restriction Security Scalabili...