प्रिय दोस्तों! हमारा उद्देश्य आपके लिए किसी भी पाठ्य को सरलतम रूप देकर प्रस्तुत करना है, हम इसको बेहतर बनाने पर कार्य कर रहे है, हम आपके धैर्य की प्रशंसा करते है| मुक्त ज्ञानकोष, वेब स्रोतों और उन सभी पाठ्य पुस्तकों का मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ, जहाँ से जानकारी प्राप्त कर इस लेख को लिखने में सहायता हुई है | धन्यवाद!

Saturday, July 13, 2019

अपनी पहचान मिटाने को कहा जाता है - apanee pahachaan mitaane ko kaha jaata hai - Dr. Rahat “ Indauri” - डॉ० राहत “इन्दौरी”

अपनी पहचान मिटाने को कहा जाता है
बस्तियाँ छोड़ के जाने को कहा जाता है

पत्तियाँ रोज़ गिरा जाती है ज़हरीली हवा
और हमें पेड़ लगाने को कहा जाता है

2
नए सफर का नया इंतज़ाम कह देंगे
हवा को धूप चरागों को शाम कह देंगे

किसी से हाथ भी छुपकर मिलाइए वर्ना
इसे भी मौलवी साहब हराम कह देंगे

3
सूरज सितारे चाँद मेरे साथ मेँ रहे
जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहे

शाख़ों से टूट जायें वो पत्ते नहीं हैं हम
आँधी से कोई कह दे कि औक़ात में रहे

4
आंख में पानी रखो, होठों पे चिंगारी रखो 
जिंदा रहना है तो, तरकीबें बहुत सारी रखो 

ले तो आये शायरी बाज़ार में राहत मियां 
क्या ज़रूरी है के लहजे को भी बाज़ारी रखो 

5
कल तक दर दर फिरने वाले, घर के अन्दर बैठे हैं 
और बेचारे घर के मालिक, दरवाज़े पर बैठे हैं 

खुल जा सिम सिम याद है किसको, कौन कहे और कौन सुने 
गूंगे बाहर चीख रहे हैं, बहरे अन्दर बैठे हैं 

6
नदी ने धूप से क्या कह दिया रवानी में 
उजाले पाँव पटकने लगे हैं पानी में 

अब इतनी सारी शबों का हिसाब कौन रखे,
बहुत सवाब कमाए गए जवानी में 

7
हर एक लफ्ज़ का अंदाज़ बदल रखा है 
आज से हमने तेरा नाम, ग़ज़ल रखा है 

मैंने शाहों की मोहब्बत का भरम तोड़ दिया 
मेरे कमरे में भी एक ताज महल रखा है

Dr. Rahat “ Indauri” - डॉ०  राहत “इन्दौरी”   

No comments:

Post a Comment

Describe the difference between a public network and a private network @PoemGazalShayari.in

 Describe the difference between a public network and a private network Topic Coverd: Private Network: Access Restriction Security Scalabili...