उनकी ख़ैरो-ख़बर नहीं मिलती - unakee khairo-khabar nahin milatee - Dr. Kumar "Vishavas" - डॉ० कुमार "विश्वास"
उनकी ख़ैरो-ख़बर नहीं मिलती
हमको ही ख़ासकर नहीं मिलती
शायरी को नज़र नहीं मिलती
मुझको तू ही अगर नहीं मिलती
रूह में, दिल में, जिस्म में दुनिया
ढूंढता हूँ मगर नहीं मिलती
लोग कहते हैं रूह बिकती है
मैं जहाँ हूँ उधर नहीं मिलती
Dr. Kumar "Vishavas" - डॉ० कुमार "विश्वास"
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