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Thursday, December 14, 2023

किरण क्या है ? आयनाइजिंग किरण किसे कहते है? नॉन-आयनाइजिंग किरण किसे कहते है ?

 किरण क्या है ? आयनाइजिंग किरण किसे कहते है? नॉन-आयनाइजिंग किरण किसे कहते है ? 

Key Content:
किरण क्या है ? 
किरण की परिभाषा विस्तार में समझाइए?
आयनाइजिंग किरण किसे कहते है? 
नॉन-आयनाइजिंग किरण किसे कहते है ?

किरण क्या है ?

रणें ऊर्जा के प्रवाह को संदर्भित करने वाली रद्दी या प्रकाशमान तरंगें होती हैं, जो विभिन्न प्रकार की हो सकती हैं। यहां कुछ आम किरणों की परिभाषा है:


इलेक्ट्रोमैग्नेटिक किरणें:


इनमें ऊर्जा को वाहित करने के लिए इलेक्ट्रॉमैग्नेटिक क्षेत्र का उपयोग होता है।

उच्च ऊर्जा की इलेक्ट्रोमैग्नेटिक किरणें गैमा किरणें और एक्स-किरणें होती हैं, जो अक्सर रेडियोएक्टिव स्रोतों से निकलती हैं।

न्यूट्रॉन, प्रोटॉन, और इलेक्ट्रॉनों के द्वारा उत्पन्न होने वाली विभिन्न प्रकार की किरणें इस श्रेणी में आती हैं।

प्रकाश की किरणें:


इनमें वायुमंडल, जल, और कच्चे सोने की अणुओं को छूने के लिए बनी होती हैं।

प्रकाश की किरणें दृश्य क्षेत्र के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी पाई जा सकती हैं, जैसे इंफ्रारेड, ऊर्जा, और उभय ऊर्जा की किरणें।

ध्वनि की किरणें:


इनमें ऊर्जा को शब्द के रूप में पहुंचाने के लिए ध्वनि के क्षेत्र का उपयोग होता है।

इसमें संगीतीय तरंगें और स्वर की किरणें शामिल होती हैं, जो हमारी कानों द्वारा सुनी जा सकती हैं।

इनमें से प्रत्येक किरण प्रकार अपनी विशेषित गुणधर्मों और उपयोगों के लिए महत्वपूर्ण हैं।

किरणों के प्रकार


किरणें विभिन्न प्रकार की होती हैं, और इन्हें उनके ऊर्जा स्तर और स्वभाव के आधार पर विभाजित किया जा सकता है। यहां कुछ सामान्य प्रकार की किरणें हैं:


विद्युत चुंबकीय विकिरण:


गैमा किरणें: 

इसमें अधिक ऊर्जा होती है और यह अक्सर रेडियोएक्टिव अपघटों के दौरान उत्पन्न होती हैं।


यह उच्च ऊर्जा विकिरण है जिसकी तुलना में उल्ट्रा-वायलेट प्रकाश से छोटी तरंगदैर्गा होती है, और इसे आमतौर पर चिकित्सा छवियों में उपयोग किया जाता है।

कणों:


आल्फा कणें: 

ये दो प्रोटॉन और दो न्यूट्रॉनों से मिलकर बनी होती हैं, और इन्हें कुछ प्रकार के रेडियोएक्टिव सामग्रियों से उत्पन्न किया जाता है।

बीटा कणें:

कुछ प्रकार के रेडियोएक्टिव अपघटों के दौरान उत्पन्न होने वाले उच्च ऊर्जा, उच्च गति वाले इलेक्ट्रॉन या पॉजिट्रॉन होते हैं।

प्रकाश:


प्रकाश की किरण:

 एक पतली प्रकाश की बूंद है जो सीधे रेखा में चलती है।

ध्वनि:


ध्वनि की किरणें: 

एक माध्यम में चलने वाली विव्रेचनाएं, जिसे ध्वनि की किरणें कहा जाता हैं।


किरण की परिभाषा विस्तार में समझाइए ?

किरण एक प्रकार की ऊर्जा है जो रैडिएशन के रूप में प्रकट होती है और अद्भुत रूप से विभिन्न प्राकृतिक प्रक्रियाओं, वैज्ञानिक एवं तकनीकी उपयोगों में प्रवृत्ति करती है। यह ऊर्जा बेहद सूक्ष्म रेडिएशन से लेकर उच्च-ऊर्जा गैमा किरणों जैसे उच्च ऊर्जा की धारिता तक विभिन्न रूपों में प्रस्तुत हो सकती है। यहां कुछ मुख्य प्रकार की किरणें और उनकी विशेषताएं हैं:


इलेक्ट्रोमैग्नेटिक किरणें:


रैडियो विकिरण: 

इसमें सबसे कम ऊर्जा होती है और इसका उपयोग रेडियो संगीत, टेलीविजन, और दूरदराज कम्युनिकेशन में होता है।

माइक्रोवेव विकिरण:

 इसकी तरंगें वस्तुओं को गरम करने के लिए उपयोग होती हैं, जैसे कि माइक्रोवेव ओवन।

इन्फ्रारेड विकिरण: 

इसका उपयोग गर्मी को महसूस करने के लिए किया जाता है, जैसे कि रिमोट सेंसर्स और नाइट विजन में।

विजिबल लाइट: 

इसमें सबसे अधिक प्रमुख तरंगें होती हैं और इसका उपयोग हमारे द्वारा दृश्य के रूप में किया जाता है।

चुंबकीय विकिरण:


आल्फा, बीटा, और गैमा किरणें: इनमें अलग-अलग प्रकार के चुंबकीय विकिरण होता है, जो रेडिओएक्टिव सामग्रीयों से उत्पन्न होता है और इन्हें चिकित्सा और उद्योगों में उपयोग किया जाता है।

अधिष्ठान किरणें:


न्यूट्रीनो:

 इसे अदृश्य अधिष्ठान कहा जाता है, क्योंकि यह अदृश्य है और इसका परिमाण बहुत कम होता है। न्यूट्रीनो का अध्ययन भौतिकी और सौंदर्यशास्त्र में महत्वपूर्ण है।


आयनाइजिंग किरण किसे कहते है? 


आयनाइजिंग किरण वह किरणें हैं जो परमाणु या अणु को इयोनाइज करने की क्षमता रखती हैं, अर्थात्, वे किरणें जो एक परमाणु से एक या एक से अधिक इलेक्ट्रॉन को हटा सकती हैं और उसे आयन (ion) बना सकती हैं। ये किरणें ऊर्जा के बहुत उच्च स्तर पर होती हैं और इसलिए वे आयनिजेशन प्रक्रिया को प्रारंभ कर सकती हैं, जिससे धातु, अणु, और अन्य रासायनिक पदार्थों को आयन बनाने में सक्षम हैं।


आयनाइजिंग किरण कुछ प्रमुख प्रकार की होती हैं:


गैमा-किरणें (Gamma Rays): 

ये बहुत उच्च ऊर्जा की इलेक्ट्रोमैग्नेटिक किरणें हैं, जो अक्सर रेडियोएक्टिव अपघटों के दौरान उत्पन्न होती हैं और आयनिजेशन क्षमता रखती हैं।


एक्स-किरणें (X-Rays):

 ये भी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक किरणें हैं, जो बहुत उच्च ऊर्जा की होती हैं और विशेषकर चिकित्सा में चिकित्सा तथा इमेजिंग के लिए उपयोग की जाती हैं।


आल्फा-कणें (Alpha Particles) और बीटा-कणें (Beta Particles): 

ये चुंबकीय विकिरण के रूप में होते हैं, और विभिन्न प्रकार के रेडियोएक्टिव अपघटों के दौरान उत्पन्न हो सकते हैं।


आयनाइजिंग किरण का उपयोग चिकित्सा, इमेजिंग, रेडियोथेरेपी, और अन्य वैज्ञानिक और तकनीकी अनुसंधानों में होता है, लेकिन इनका सही और सतर्कता से उपयोग किया जाना चाहिए, क्योंकि ये ऊर्जा के स्तर की बड़ी मात्रा में होती हैं और असावधानी से इसका संपर्क नुकसानकारी हो सकता है।


नॉन-आयनाइजिंग किरण किसे कहते है ?

नॉन-आयनाइजिंग किरण वह किरणें हैं जो परमाणु या अणु को आयनिज करने में असमर्थ होती हैं, यानी इनकी ऊर्जा ऐसी होती है जिससे वे इलेक्ट्रॉन को हटा नहीं सकती हैं और उसे आयन नहीं बना सकती हैं। इन किरणों की ऊर्जा कम होती है और इसलिए वे जीवों और अन्य सामग्रियों को प्रभावित करने में कम हानिकारक होती हैं।


कुछ प्रमुख नॉन-आयनाइजिंग किरणें निम्नलिखित होती हैं:


रेडिओ विकिरण:

 इसमें सबसे कम ऊर्जा होती है और इसका उपयोग रेडियो संगीत, टेलीविजन, और दूरदराज कम्युनिकेशन में होता है।


माइक्रोवेव विकिरण: 

इसकी तरंगें वस्तुओं को गरम करने के लिए उपयोग होती हैं, जैसे कि माइक्रोवेव ओवन।


इन्फ्रारेड विकिरण: 

इसका उपयोग गर्मी को महसूस करने के लिए किया जाता है, जैसे कि रिमोट सेंसर्स और नाइट विजन में।


विजिबल लाइट: 

इसमें सबसे अधिक प्रमुख तरंगें होती हैं और इसका उपयोग हमारे द्वारा दृश्य के रूप में किया जाता है।


उच्च विकिरण विकेंद्रीय (Ultraviolet Radiation): 

ये सूर्य के किरणों का एक हिस्सा हैं और इनका प्रमुख उपयोग सूर्य रक्षा क्रीमों और भौतिकीय सामग्रियों के सूर्य ताप से संरक्षण में होता है।


रेडिएशन स्पेक्ट्रम के अन्य क्षेत्रों में किरणें: 

इनमें विशेषज्ञ क्षेत्रों के लिए उपयोग होती हैं, जैसे कि माइक्रोवेव संवाद, इन्फ्रारेड तस्वीरें, और अन्य सूचना संबंधित क्षेत्रों में किरणें।


लेख@अम्बिका_राही 

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