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Thursday, October 1, 2020

मोहिबो निछोहिबो सनेह में तो नयो नाहिं - mohibo nichhohibo saneh mein to nayo naahin -Rahim- abdul rahim khan-i-khana रहीम- अब्दुल रहिम खान-ए-ख़ाना

 मोहिबो निछोहिबो सनेह में तो नयो नाहिं,

भले ही निठुर भये, काहे को लजाइये।

तन मन रावरे सो मतों के मगन हेतु,

उचरि गये ते कहा तुम्हें खोरि लाइये॥

चित लाग्यो जित, जैहै तितही ’रहीम’ नित,

धाधवे के हित इत एक बार आइये।

जान हुरसी उर बसी है तिहारे उर,

मोसों प्रीति बसी तऊ हँसी न कराइये॥


Rahim- abdul rahim khan-i-khana

रहीम- अब्दुल रहिम खान-ए-ख़ाना

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