प्रिय दोस्तों! हमारा उद्देश्य आपके लिए किसी भी पाठ्य को सरलतम रूप देकर प्रस्तुत करना है, हम इसको बेहतर बनाने पर कार्य कर रहे है, हम आपके धैर्य की प्रशंसा करते है| मुक्त ज्ञानकोष, वेब स्रोतों और उन सभी पाठ्य पुस्तकों का मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ, जहाँ से जानकारी प्राप्त कर इस लेख को लिखने में सहायता हुई है | धन्यवाद!

Tuesday, October 27, 2020

फ़ना नहीं है मुहब्बत के रंगो बू के लिए - fana nahin hai muhabbat ke rango boo ke lie - बृज नारायण चकबस्त - brij naaraayan chakabast

 फ़ना नहीं है मुहब्बत के रंगो बू के लिए

बहार आलमे फ़ानी रहे रहे न रहे ।


जुनूने हुब्बे वतन का मज़ा शबाब में है

लहू में फिर ये रवानी रहे रहे न रहे ।


रहेगी आबोहवा में ख़याल की बिजली

ये मुश्त ख़ाक है फ़ानी रहे रहे न रहे ।


जो दिल में ज़ख़्म लगे हैं वो ख़ुद पुकारेंगे

ज़बाँ की सैफ़ बयानी रहे रहे न रहे ।


मिटा रहा है ज़माना वतन के मन्दिर को

ये मर मिटों की निशानी रहे रहे न रहे ।


दिलों में आग लगे ये वफ़ा का जौहर है

ये जमाँ ख़र्च ज़बानी रहे रहे न रहे ।


जो माँगना हो अभी माँग लो वतन के लिए

ये आरज़ू की जवानी रहे रहे न रहे ।


बृज नारायण चकबस्त - brij naaraayan chakabast


No comments:

Post a Comment

लिनक्स OS क्या है ? लिनेक्स कई विशेषता और उसके प्रकारों के बारे में विस्तार समझाइए ?

 लिनक्स OS  क्या है ? लिनेक्स कई विशेषता और उसके प्रकारों  के बारे में विस्तार समझाइए ? Content: 1. लिनक्स OS  क्या है ? 2. कुछ प्रसिद्द लिन...