प्रिय दोस्तों! हमारा उद्देश्य आपके लिए किसी भी पाठ्य को सरलतम रूप देकर प्रस्तुत करना है, हम इसको बेहतर बनाने पर कार्य कर रहे है, हम आपके धैर्य की प्रशंसा करते है| मुक्त ज्ञानकोष, वेब स्रोतों और उन सभी पाठ्य पुस्तकों का मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ, जहाँ से जानकारी प्राप्त कर इस लेख को लिखने में सहायता हुई है | धन्यवाद!

Thursday, July 2, 2020

सखी री लाज बैरण भई - sakhee ree laaj bairan bhee -- मीराबाई- Meera Bai #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

सखी री लाज बैरण भई।
श्रीलाल गोपालके संग काहें नाहिं गई॥
कठिन क्रूर अक्रूर आयो साज रथ कहं नई।
रथ चढ़ाय गोपाल ले गयो हाथ मींजत रही॥
कठिन छाती स्याम बिछड़त बिरहतें तन तई।
दासि मीरा लाल गिरधर बिखर क्यूं ना गई॥

शब्दार्थ :- बैरण = बैरिन, बाधा पहुंचाने वाली। नई = रथ जोत कर। तन तई =देह जल गई



- मीराबाई- Meera Bai

#www.poemgazalshayari.in

||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

Please Subscribe to our youtube channel

https://www.youtube.com/channel/UCdwBibOoeD8E-QbZQnlwpng

No comments:

Post a Comment

कंप्यूटर क्या है? सबसे आसान शब्दों में बताएं?

कंप्यूटर क्या है? सबसे आसान शब्दों में बताएं?  कई इलेक्ट्रॉनिक समूहों को व्यवस्थित कर बनाया गया, पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है, जो सोफ्ट...