प्रिय पाठकों! हमारा उद्देश्य आपके लिए किसी भी पाठ्य को सरलतम रूप देकर प्रस्तुत करना है, हम इसको बेहतर बनाने पर कार्य कर रहे है, हम आपके धैर्य की प्रशंसा करते है| मुक्त ज्ञानकोष, वेब स्रोतों और उन सभी पाठ्य पुस्तकों का मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ, जहाँ से जानकारी प्राप्त कर इस लेख को लिखने में सहायता हुई है | धन्यवाद!

Saturday, May 30, 2020

अपनी स्वप्न-छाया में मुदित - apanee svapn-chhaaya mein mudit - - उत्पल बैनर्जी - Utpal Banerjee #www.poemgazalshayari.in

अपनी स्वप्न-छाया में मुदित
वह खोई हुई थी अपनी कामना के आकाश में
जहाँ पलकों पर तने इन्द्रधनुष की आभा भीग रही थी
मधुरिमा के जल से,
मोम-सी पिघलती आकाशगंगा में
बिखरा हुआ था उसके लहराते केशों का अन्धेरा
जहाँ पूर्वजन्मों की इच्छाएँ जुगनुओं-सी टिमटिमा रही थीं
अपनी निजता के दर्पण में उसने चाँद से उदासी का सबब पूछा था
या कि चाँद ने उससे ....
और कोई कुछ नहीं बता सका था।
अजाने फूलों की कितनी ही गन्ध-स्मृतियाँ थीं
उसकी मुस्कराहट में
जहाँ उजाला कृतज्ञ होता था
उसके प्रेमगीतों से भर गया था पक्षियों का आकाश
जहाँ श्रुतियाँ उसके बहाने पृथ्वी का प्रेमगीत गा रही थीं
समय के कगार पर छूट गए उसके विस्मय
अपनी सात्विक दीप्ति में विसर्जित हो रहे थे
जिन्हें मन्दिर की प्राचीन शुचिता
मेरे विस्मय की दहलीज पर वन्दनवार-सी टाँग रही थी
अपनी नश्वर दुनिया की नश्वर भाषा में
मैंने पूछा था -- कैसा होता है प्रेम!
-- जैसे साँस लेती हूँ, वैसा ...!
कहा था उसने।

 - उत्पल बैनर्जी - Utpal Banerjee
#www.poemgazalshayari.in

No comments:

Post a Comment

How to sell on OLX | OLX full tutorial | Online Sellings

 How to sell on OLX | OLX full tutorial  Key Content: Research your product Highlight the key features Be concise and specific Use keywords ...