प्रिय दोस्तों! हमारा उद्देश्य आपके लिए किसी भी पाठ्य को सरलतम रूप देकर प्रस्तुत करना है, हम इसको बेहतर बनाने पर कार्य कर रहे है, हम आपके धैर्य की प्रशंसा करते है| मुक्त ज्ञानकोष, वेब स्रोतों और उन सभी पाठ्य पुस्तकों का मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ, जहाँ से जानकारी प्राप्त कर इस लेख को लिखने में सहायता हुई है | धन्यवाद!

Sunday, April 12, 2020

अकेला दिन है कोई और न तन्हा रात होती है - akela din hai koee aur na tanha raat hotee hai -गुलाम मोहम्मद क़ासिर - Ghulam Mohammad Kasir #poemgazalshayari.in

अकेला दिन है कोई और न तन्हा रात होती है
मैं जिस पल से गुजरता हूँ मोहब्बत साथ होती है

तेरी आवाज को इस शहर की लहर्रे तरसती हैं
गलत नंबर मिलता हूँ तो पहर्रो बात होती है

सर्रो पर खौफ-ए-रूसवाई की चादर तान लेते हैं
तुम्हारें वास्ते रंर्गो की जब बरसात होती है

कहीं चिड़ियाँ चहकती हैं कहीं कलियाँ चटकती हैं
मगर मेरे मकाँ से आसमाँ तक रात होती है

किसे आबाद समझूँ किस का शहर-आशोब लिक्खूँ मैं
जहाँ शहर्रो की यकसाँ सूरत-ए-हालात होती है

गुलाम मोहम्मद क़ासिर - Ghulam Mohammad Kasir

#poemgazalshayari.in

No comments:

Post a Comment

Describe the difference between a public network and a private network @PoemGazalShayari.in

 Describe the difference between a public network and a private network Topic Coverd: Private Network: Access Restriction Security Scalabili...