प्रिय दोस्तों! हमारा उद्देश्य आपके लिए किसी भी पाठ्य को सरलतम रूप देकर प्रस्तुत करना है, हम इसको बेहतर बनाने पर कार्य कर रहे है, हम आपके धैर्य की प्रशंसा करते है| मुक्त ज्ञानकोष, वेब स्रोतों और उन सभी पाठ्य पुस्तकों का मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ, जहाँ से जानकारी प्राप्त कर इस लेख को लिखने में सहायता हुई है | धन्यवाद!

Saturday, February 15, 2020

शाम से आँख में नमी सी है - shaam se aankh mein namee see hai - गुलजार - Gulzar -Poem Gazal Shayari

शाम से आँख में नमी सी है
आज फिर आप की कमी सी है

दफ़्न कर दो हमें कि साँस मिले
नब्ज़ कुछ देर से थमी सी है

वक़्त रहता नहीं कहीं थमकर
इस की आदत भी आदमी सी है

कोई रिश्ता नहीं रहा फिर भी
एक तस्लीम लाज़मी सी है



गुलजार - Gulzar

-Poem Gazal Shayari

No comments:

Post a Comment

Describe the difference between a public network and a private network @PoemGazalShayari.in

 Describe the difference between a public network and a private network Topic Coverd: Private Network: Access Restriction Security Scalabili...