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Monday, January 27, 2020

रोको मत टोको मत - roko mat toko mat - - गुलज़ार - gulazaar –Poem Gazal Shayari

रोको मत टोको मत
सोचने दो इन्हें सोचने दो
रोको मत टोको मत
होए टोको मत इन्हें सोचने दो

मुश्किलों के हल खोजने दो
रोको मत टोको मत
निकलने तो दो आसमां से जुड़ेंगे
अरे अंडे के अन्दर ही कैसे उड़ेंगे यार

निकालने दो पाँव जुराबें बहुत हैं
किताबों के बाहर किताबें बहुत हैं

- गुलज़ार - gulazaar

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