प्रिय दोस्तों! हमारा उद्देश्य आपके लिए किसी भी पाठ्य को सरलतम रूप देकर प्रस्तुत करना है, हम इसको बेहतर बनाने पर कार्य कर रहे है, हम आपके धैर्य की प्रशंसा करते है| मुक्त ज्ञानकोष, वेब स्रोतों और उन सभी पाठ्य पुस्तकों का मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ, जहाँ से जानकारी प्राप्त कर इस लेख को लिखने में सहायता हुई है | धन्यवाद!

Monday, January 27, 2020

मुझे खर्ची में पूरा एक दिन, हर रोज़ मिलता है - mujhe kharchee mein poora ek din, har roz milata hai - - गुलज़ार - gulazaar- Poem Gazal Shayari

मुझे खर्ची में पूरा एक दिन, हर रोज़ मिलता है
मगर हर रोज़ कोई छीन लेता है,
झपट लेता है, अंटी से
कभी खीसे से गिर पड़ता है तो गिरने की
आहट भी नहीं होती,
खरे दिन को भी खोटा समझ के भूल जाता हूँ मैं
गिरेबान से पकड़ कर मांगने वाले भी मिलते हैं
"तेरी गुजरी हुई पुश्तों का कर्जा है, तुझे किश्तें चुकानी है "
ज़बरदस्ती कोई गिरवी रख लेता है, ये कह कर
अभी 2-4 लम्हे खर्च करने के लिए रख ले,
बकाया उम्र के खाते में लिख देते हैं,
जब होगा, हिसाब होगा
बड़ी हसरत है पूरा एक दिन इक बार मैं
अपने लिए रख लूं,
तुम्हारे साथ पूरा एक दिन
बस खर्च
करने की तमन्ना है !!


- गुलज़ार - gulazaar

#Gazal,
#poem,
#kavita,
#shayari,

No comments:

Post a Comment

राजकीय सम्मान के साथ रतन टाटा का अंतिम संस्कार किया गया

   राजकीय सम्मान के साथ रतन टाटा का अंतिम संस्कार किया गया टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन नवल टाटा का गुरुवार 10 अक्टूबर को मुंबई के वर्ली श्म...