प्रिय पाठकों! हमारा उद्देश्य आपके लिए किसी भी पाठ्य को सरलतम रूप देकर प्रस्तुत करना है, हम इसको बेहतर बनाने पर कार्य कर रहे है, हम आपके धैर्य की प्रशंसा करते है| मुक्त ज्ञानकोष, वेब स्रोतों और उन सभी पाठ्य पुस्तकों का मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ, जहाँ से जानकारी प्राप्त कर इस लेख को लिखने में सहायता हुई है | धन्यवाद!

Tuesday, November 26, 2019

तुम्हारे नाम जैसी, छलकते जाम जैसी - tumhaare naam jaisee, chhalakate jaam jaisee - Osho- ओशो

तुम्हारे नाम जैसी, छलकते जाम जैसी 

मुहब्बत सी नशीली शरद की चाँदनी है।

ह्रदय को मोहती है, प्रणय संगीत जैसी
नयन को सोहती है, सपन के मीत जैसी,

तुम्हारे रूप जैसी, वसंती धूप जैसी
मधुस्मृति सी रसीली शरद की चाँदनी है।
चाँदनी खिल रही है तुम्हारे हास जैसी,
उमंगें भर रही है मिलन की आस जैसी,

प्रणय की बाँह जैसी, अलक की छाँह जैसी
प्रिये, तुम सी लजीली शरद की चाँदनी‍ है।

हुई है क्या ना जाने अनोखी बात जैसी
भरे पुलकन बदन में प्रथम मधु रात जैस‍ी,

हँसी दिल खोल पुनम, गया अब हार संयम
वचन से भी हठीली शरद की चाँदनी है।

तुम्हारे नाम जैसी, छलकते जाम जैसी
मुहब्बत सी नशीली, शरद की चाँदनी है।

- Osho-ओशो

No comments:

Post a Comment

How to sell on OLX | OLX full tutorial | Online Sellings

 How to sell on OLX | OLX full tutorial  Key Content: Research your product Highlight the key features Be concise and specific Use keywords ...