फूल तुम्हें भेजा है ख़त में, फूल नहीं मेरा दिल है - phool tumhen bheja hai khat mein, phool nahin mera dil hai - - इंदीवर - Mr. indeevar
फूल तुम्हें भेजा है ख़त में, फूल नहीं मेरा दिल है
प्रीयतम मेरे तुम भी लिखना, क्या ये तुम्हारे क़ाबिल है
प्यार छिपा है ख़त में इतना, जितने सागर में मोती
चूम ही लेता हाथ तुम्हारा, पास जो मेरे तुम होती
फूल तुम्हें भेजा है ख़त में ...
नींद तुम्हें तो आती होगी, क्या देखा तुमने सपना
आँख खुली तो तन्हाई थी, सपना हो न सका अपना
तन्हाई हम दूर करेंगे, ले आओ तुम शहनाई
प्रीत लगा के भूल न जाना, प्रीत तुम्हीं ने सिखलाई
फूल तुम्हें भेजा है ख़त में ...
ख़त से जी भरता ही नहीं, अब नैन मिले तो चैन मिले
चाँद हमारी अंगना उतरे, कोई तो ऐसी रैन मिले
मिलना हो तो कैसे मिलें हम, मिलने की सूरत लिख दो
नैन बिछाये बैठे हैं हम, कब आओगे ख़त लिख दो
फूल तुम्हें भेजा है ख़त में ...
- इंदीवर - Mr. indeevar
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