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Sunday, October 13, 2019

सदियों से इन्सान यह सुनता आया है - sadiyon se insaan yah sunata aaya hai --साहिर लुधियानवी - saahir ludhiyaanavee

सदियों से इन्सान यह सुनता आया है
दुख की धूप के आगे सुख का साया है

हम को इन सस्ती ख़ुशियों का लोभ न दो
हम ने सोच समझ कर ग़म अपनाया है

झूठ तो कातिल ठहरा उसका क्या रोना
सच ने भी इन्सां का ख़ून बहाया है

पैदाइश के दिन से मौत की ज़द में हैं
इस मक़तल में कौन हमें ले आया है

अव्वल-अव्वल जिस दिल ने बरबाद किया
आख़िर-आख़िर वो दिल ही काम आया है

उतने दिन अहसान किया दीवानों पर
जितने दिन लोगों ने साथ निभाया है

-साहिर लुधियानवी - saahir ludhiyaanavee

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