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Wednesday, December 16, 2020

इंद्र निज हेरत फिरत गज इंद्र अरु - भूषण - Bhushan

 इंद्र निज हेरत फिरत गज इंद्र अरु,

इंद्र को अनुज हेरै दुगध नदीश कौं.

भूषण भनत सुर सरिता कौं हंस हेरै,

विधि हेरै हंस को चकोर रजनीश कौं.

साहि तनै सिवराज करनी करी है तैं,

जु होत है अच्मभो देव कोटियो तैंतीस को.

पावत न हेरे जस तेरे में हिराने निज,

गिरि कों गिरीस हेरैं गिरजा गिरीस को.


- भूषण - Bhushan

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