प्रिय दोस्तों! हमारा उद्देश्य आपके लिए किसी भी पाठ्य को सरलतम रूप देकर प्रस्तुत करना है, हम इसको बेहतर बनाने पर कार्य कर रहे है, हम आपके धैर्य की प्रशंसा करते है| मुक्त ज्ञानकोष, वेब स्रोतों और उन सभी पाठ्य पुस्तकों का मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ, जहाँ से जानकारी प्राप्त कर इस लेख को लिखने में सहायता हुई है | धन्यवाद!

Wednesday, June 3, 2020

ये अनाज की पूलें तेरे काँधें झूलें - ye anaaj kee poolen tere kaandhen jhoolen -- माखनलाल चतुर्वेदी - Makhan Lal Chaturvedi #www.poemgazalshayari.in

ये अनाज की पूलें तेरे काँधें झूलें
तेरा चौड़ा छाता
रे जन-गण के भ्राता
शिशिर, ग्रीष्म, वर्षा से लड़ते
भू-स्वामी, निर्माता !
कीच, धूल, गन्दगी बदन पर
लेकर ओ मेहनतकश!
गाता फिरे विश्व में भारत
तेरा ही नव-श्रम-यश !
तेरी एक मुस्कराहट पर
वीर पीढ़ियाँ फूलें ।
ये अनाज की पूलें
तेरे काँधें झूलें !
इन भुजदंडों पर अर्पित
सौ-सौ युग, सौ-सौ हिमगिरी
सौ-सौ भागीरथी निछावर
तेरे कोटि-कोटि शिर !
ये उगी बिन उगी फ़सलें
तेरी प्राण कहानी
हर रोटी ने, रक्त बूँद ने
तेरी छवि पहचानी !
वायु तुम्हारी उज्ज्वल गाथा
सूर्य तुम्हारा रथ है,
बीहड़ काँटों भरा कीचमय
एक तुम्हारा पथ है ।
यह शासन, यह कला, तपस्या
तुझे कभी मत भूलें ।
ये अनाज की पूलें
तेरे काँधें झूलें !

-  माखनलाल चतुर्वेदी - Makhan Lal Chaturvedi
#www.poemgazalshayari.in

No comments:

Post a Comment

Describe the difference between a public network and a private network @PoemGazalShayari.in

 Describe the difference between a public network and a private network Topic Coverd: Private Network: Access Restriction Security Scalabili...