प्रिय दोस्तों! हमारा उद्देश्य आपके लिए किसी भी पाठ्य को सरलतम रूप देकर प्रस्तुत करना है, हम इसको बेहतर बनाने पर कार्य कर रहे है, हम आपके धैर्य की प्रशंसा करते है| मुक्त ज्ञानकोष, वेब स्रोतों और उन सभी पाठ्य पुस्तकों का मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ, जहाँ से जानकारी प्राप्त कर इस लेख को लिखने में सहायता हुई है | धन्यवाद!

Friday, June 12, 2020

सगल भव के नाइका -sagal bhav ke naika -- रैदास- Raidas #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

सगल भव के नाइका।
इकु छिनु दरसु दिखाइ जी।। टेक।।
कूप भरिओ जैसे दादिरा, कछु देसु बिदेसु न बूझ।
ऐसे मेरा मन बिखिआ बिमोहिआ, कछु आरा पारु न सूझ।।१।।
मलिन भई मति माधव, तेरी गति लखी न जाइ।
करहु क्रिपा भ्रमु चूकई, मैं सुमति देहु समझाइ।।२।।
जोगीसर पावहि नहीं, तुअ गुण कथन अपार।
प्रेम भगति कै कारणै, कहु रविदास चमार।।३।।

- रैदास- Raidas

#www.poemgazalshayari.in

||Poem|Gazal|Shayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

No comments:

Post a Comment

अपने नजदीकी डाकघर में आधार नामांकन और अपडेट के लिए आवेदन कैसे करें

 अपने नजदीकी डाकघर में आधार नामांकन और अपडेट के लिए आवेदन कैसे करें डाक विभाग (DoP) ने आधार नामांकन और अपडेट के लिए एक सेवा शुरू की है। भारत...