प्रिय पाठकों! हमारा उद्देश्य आपके लिए किसी भी पाठ्य को सरलतम रूप देकर प्रस्तुत करना है, हम इसको बेहतर बनाने पर कार्य कर रहे है, हम आपके धैर्य की प्रशंसा करते है| मुक्त ज्ञानकोष, वेब स्रोतों और उन सभी पाठ्य पुस्तकों का मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ, जहाँ से जानकारी प्राप्त कर इस लेख को लिखने में सहायता हुई है | धन्यवाद!

Friday, June 5, 2020

पकी जामुन के रँग की पाग- pakee jaamun ke rang kee paag-- नरेन्द्र शर्मा - Narendra Sharma #www.poemgazalshayari.in

पकी जामुन के रँग की पाग
बाँधता आया लो आषाढ़!

अधखुली उसकी आँखों में
झूमता सुधि मद का संसार,
शिथिल-कर सकते नहीं संभाल
खुले लम्बे साफे का भार,

कभी बँधती, खुल पड़ती पाग,
झूमता डगमग पग आषाढ़

सिन्धु शैय्या पर सोई बाल
जिसे आया वह सोती छोड़,
आह, प्रति पग 'अब उसकी याद
खींचती पीछे को, जी तोड़

लगी उड़ने आँधी में पाग
झूमता ड़गमग पग आषाढ़!

हर्ष विस्मय से आँखें फाड़
देखती कृषक सुतायें जाग,
नाचने लगे रोर सुन मोर
लगी भुझने जंगल की आग

हाँथ से छुट खुल पड़ती पाग,
झूमता डगमग पग आषाढ़!

ज़री का पल्ला उड़ उड़ आज
कभी हिल झिलमिल नभ के बीच,
बन गया विद्युत द्युति, आलोक
सूर्य शशि उडु के उर से खींच!

कौंध नभ का उर उड़ती पाग,
झूमता डगमग पग आषाढ़!

उड़ गयी सहसा सिर से पाग-
छा गये नभ में घन घनघोर!
छुट गई सहसा कर से पाग-
बढा आँधी पानी का जोर!

लिपट लो गई मुझी से पाग,
झूमता डगमग पग आषाढ़!

- नरेन्द्र शर्मा - Narendra Sharma
#www.poemgazalshayari.in

No comments:

Post a Comment

How to report phishing email on gmail

 how to report phishing email on gmail To report a phishing email on Gmail, you can follow these steps: Open the phishing email in your Gmai...