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Tuesday, June 9, 2020

पानी बिच मीन पियासी - paanee bich meen piyaasee - कबीर- Kabir #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

पानी बिच मीन पियासी।
मोहि सुनि सुनि आवत हाँसी ।।
आतम ग्यान बिना सब सूना, क्या मथुरा क्या कासी ।
घर में वसत धरीं नहिं सूझै, बाहर खोजन जासी ।।
मृग की नाभि माँहि कस्तूरी, बन-बन फिरत उदासी ।
कहत कबीर, सुनौ भाई साधो, सहज मिले अविनासी ।।


 कबीर- Kabir

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