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Friday, June 5, 2020

मैं केहि कहौ बिपति अति भारी - main kehi kahau bipati ati bhaaree -- तुलसीदास- Tulsidas #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

मैं केहि कहौ बिपति अति भारी। श्रीरघुबीर धीर हितकारी॥
मम ह्रदय भवन प्रभु तोरा। तहँ बसे आइ बहु चोरा॥
अति कठिन करहिं बर जोरा। मानहिं नहिं बिनय निहोरा॥
तम, मोह, लोभ अहँकारा। मद, क्रोध, बोध रिपु मारा॥
अति करहिं उपद्रव नाथा। मरदहिं मोहि जानि अनाथा॥

- तुलसीदास- Tulsidas
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