लौ लगाती गीत गाती,
दीप हूँ मैं, प्रीत बाती
नयनों की कामना,
प्राणों की भावना
पूजा की ज्योति बन कर,
चरणों में मुस्कुराती
आशा की पाँखुरी,
श्वासों की बाँसुरी,
थाली ह्र्दय की ले,
नित आरती सजाती
कुमकुम प्रसाद है,
प्रभु धन्यवाद है
हर घर में हर सुहागन,
मंगल रहे मनाती
- नरेन्द्र शर्मा - Narendra Sharma
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