प्रिय पाठकों! हमारा उद्देश्य आपके लिए किसी भी पाठ्य को सरलतम रूप देकर प्रस्तुत करना है, हम इसको बेहतर बनाने पर कार्य कर रहे है, हम आपके धैर्य की प्रशंसा करते है| मुक्त ज्ञानकोष, वेब स्रोतों और उन सभी पाठ्य पुस्तकों का मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ, जहाँ से जानकारी प्राप्त कर इस लेख को लिखने में सहायता हुई है | धन्यवाद!

Sunday, June 7, 2020

दीन-हित बिरद पुराननि गायो - deen-hit birad puraanani gaayo -- तुलसीदास- Tulsidas #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

दीन-हित बिरद पुराननि गायो।
आरत-बन्धु, कृपालु मृदुलचित जानि सरन हौं आयो॥१॥
तुम्हरे रिपुको अनुज बिभीषन बंस निसाचर जायो।
सुनि गुन सील सुभाउ नाथको मैं चरनानि चितु लायो॥२॥
जानत प्रभु दुख सुख दासिनको तातें कहि न सुनायो।
करि करुना भरि नयन बिलोकहु तब जानौं अपनायो॥३॥
बचन बिनीत सुनत रघुनायक हँसि करि निकट बुलायो।
भेंट्यो हरि भरि अंक भरत ज्यौं लंकापति मन भायो॥४॥
करपंकज सिर परसि अभय कियो, जनपर हेतु दिखायो।
तुलसीदास रघुबीर भजन करि को न परमपद पायो ?॥५॥

- तुलसीदास- Tulsidas

#www.poemgazalshayari.in

||Poem|Gazal|Shayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

No comments:

Post a Comment

How to stay healthy? स्वस्थ कैसे बने रहे ?

 How to stay healthy?   स्वस्थ कैसे बने रहे ? Key Included: Healthy Eating Regular Exercise Good Sleep Stress Management Other Healthy Habit...