प्रिय दोस्तों! हमारा उद्देश्य आपके लिए किसी भी पाठ्य को सरलतम रूप देकर प्रस्तुत करना है, हम इसको बेहतर बनाने पर कार्य कर रहे है, हम आपके धैर्य की प्रशंसा करते है| मुक्त ज्ञानकोष, वेब स्रोतों और उन सभी पाठ्य पुस्तकों का मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ, जहाँ से जानकारी प्राप्त कर इस लेख को लिखने में सहायता हुई है | धन्यवाद!

Monday, March 2, 2020

तुम भाव प्रवण हो।! - तुम भाव प्रवण हो। - Sumitra Nandan Pant - सुमित्रानंदन पंत #Poem Gazal Shayari

तुम भाव प्रवण हो।
जीवन पिय हो, सहनशील सहृदय हो, कोमल मन हो।
ग्राम तुम्हारा वास रूढ़ियों का गढ़ है चिर जर्जर,
उच्च वंश मर्यादा केवल स्वर्ण-रत्नप्रभ पिंजर।
जीर्ण परिस्थितियाँ ये तुम में आज हो रहीं बिम्बित,
सीमित होती जाती हो तुम, अपने ही में अवसित।
तुम्हें तुम्हारा मधुर शील कर रहा अजान पराजित,
वृद्ध हो रही हो तुम प्रतिदिन नहीं हो रही विकसित।

नारी की सुंदरता पर मैं होता नहीं विमोहित,
शोभा का ऐश्वर्य मुझे करता अवश्य आनंदित।
विशद स्त्रीत्व का ही मैं मन में करता हूँ निज पूजन,
जब आभा देही नारी आह्लाद प्रेम कर वर्षण
मधुर मानवी की महिमा से भू को करती पावन।
तुम में सब गुण हैं: तोड़ो अपने भय कल्पित बन्धन,
जड़ समाज के कर्दम से उठ कर सरोज सी ऊपर,
अपने अंतर के विकास से जीवन के दल दो भर।
सत्य नहीं बाहर: नारी का सत्य तुम्हारे भीतर,
भीतर ही से करो नियंत्रित जीवन को, छोड़ो डर।




Sumitra Nandan Pant - सुमित्रानंदन पंत 

#Poem Gazal Shayari

#Poem_Gazal_Shayari

No comments:

Post a Comment

राजकीय सम्मान के साथ रतन टाटा का अंतिम संस्कार किया गया

   राजकीय सम्मान के साथ रतन टाटा का अंतिम संस्कार किया गया टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन नवल टाटा का गुरुवार 10 अक्टूबर को मुंबई के वर्ली श्म...