प्रिय पाठकों! हमारा उद्देश्य आपके लिए किसी भी पाठ्य को सरलतम रूप देकर प्रस्तुत करना है, हम इसको बेहतर बनाने पर कार्य कर रहे है, हम आपके धैर्य की प्रशंसा करते है| मुक्त ज्ञानकोष, वेब स्रोतों और उन सभी पाठ्य पुस्तकों का मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ, जहाँ से जानकारी प्राप्त कर इस लेख को लिखने में सहायता हुई है | धन्यवाद!

Monday, March 2, 2020

charakha geet - चरख़ा गीत - Sumitra Nandan Pant - सुमित्रानंदन पंत #Poem Gazal Shayari

भ्रम, भ्रम, भ्रम,--
घूम घूम भ्रम भ्रम रे चरख़ा
कहता: ’मैं जन का परम सखा,
जीवन का सीधा सा नुसख़ा—
श्रम, श्रम, श्रम!’

कहता: ’हे अगणित दरिद्रगण!
जिनके पास न अन्न, धन, वसन,
मैं जीवन उन्नति का साधन-
क्रम, क्रम, क्रम!’

भ्रम, भ्रम, भ्रम,--
’धुन रुई, निर्धनता दो धुन,
कात सूत, जीवन पट लो बुन;
अकर्मण्य, सिर मत धुन, मत धुन,
थम, थम, थम!’

’नग्न गात यदि भारत मा का,
तो खादी समृद्धि की राका,
हरो देश की दरिद्रता का
तम, तम, तम!’

भ्रम, भ्रम, भ्रम,--
कहता चरख़ा प्रजातंत्र से;
’मैं कामद हूँ सभी मंत्र से’;
कहता हँस आधुनिक यंत्र से,
’नम, नम, नम!’

’सेवक पालक शोषित जन का,
रक्षक मैं स्वदेश के धन का,
कातो हे, काटो तन मन का
भ्रम, भ्रम, भ्रम,--




Sumitra Nandan Pant - सुमित्रानंदन पंत 

#Poem Gazal Shayari

#Poem_Gazal_Shayari

No comments:

Post a Comment

How to report phishing email on gmail

 how to report phishing email on gmail To report a phishing email on Gmail, you can follow these steps: Open the phishing email in your Gmai...