प्रिय दोस्तों! हमारा उद्देश्य आपके लिए किसी भी पाठ्य को सरलतम रूप देकर प्रस्तुत करना है, हम इसको बेहतर बनाने पर कार्य कर रहे है, हम आपके धैर्य की प्रशंसा करते है| मुक्त ज्ञानकोष, वेब स्रोतों और उन सभी पाठ्य पुस्तकों का मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ, जहाँ से जानकारी प्राप्त कर इस लेख को लिखने में सहायता हुई है | धन्यवाद!

Wednesday, March 11, 2020

चाँदनी चुपचाप सारी रात- chaandanee chupachaap saaree raat-sachchidanand hiranand vatsyayan "agay"- सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन "अज्ञेय" #Poem Gazal Shayari #Poem_Gazal_Shayari

चाँदनी चुपचाप सारी रात-
सूने आँगन में
जाल रचती रही ।

मेरी रूपहीन अभिलाषा
अधूरेपन की मद्धिम-
आँच पर तचती रही ।

व्यथा मेरी अनकही
आनन्द की सम्भावना के
मनश्चित्रों से परचती रही ।

मैं दम साधे रहा
मन में अलक्षित
आँधी मचती रही ।

प्रात बस इतना कि मेरी बात
सारी रात
उघड़ कर वासना का
रूप लेने से बचती रही ।


sachchidanand hiranand vatsyayan "agay"- सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन "अज्ञेय"

#Poem Gazal Shayari

#Poem_Gazal_Shayari

No comments:

Post a Comment

लिनक्स OS क्या है ? लिनेक्स कई विशेषता और उसके प्रकारों के बारे में विस्तार समझाइए ?

 लिनक्स OS  क्या है ? लिनेक्स कई विशेषता और उसके प्रकारों  के बारे में विस्तार समझाइए ? Content: 1. लिनक्स OS  क्या है ? 2. कुछ प्रसिद्द लिन...