प्रिय दोस्तों! हमारा उद्देश्य आपके लिए किसी भी पाठ्य को सरलतम रूप देकर प्रस्तुत करना है, हम इसको बेहतर बनाने पर कार्य कर रहे है, हम आपके धैर्य की प्रशंसा करते है| मुक्त ज्ञानकोष, वेब स्रोतों और उन सभी पाठ्य पुस्तकों का मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ, जहाँ से जानकारी प्राप्त कर इस लेख को लिखने में सहायता हुई है | धन्यवाद!

Monday, March 2, 2020

बंधन बन रही अहिंसा आज जनों के हित - bandhan ban rahee ahinsa aaj janon ke hit -Sumitra Nandan Pant - सुमित्रानंदन पंत #Poem Gazal Shayari

बंधन बन रही अहिंसा आज जनों के हित,
वह मनुजोचित निश्चित, कब? जब जन हों विकसित।
भावात्मक आज नहीं वह; वह अभाव वाचक:
उसका भावात्मक रूप प्रेम केवल सार्थक।
हिंसा विनाश यदि, नहीं अहिंसा मात्र सृजन,
वह लक्ष्य शून्य अब: भर न सकी जन में जीवन;
निष्क्रिय: उपचेतन ग्रस्त: एक देशीय परम,
सांस्कृतिक प्रगति से रहित आज, जन हित दुर्गम।

हैं सृजन विनाश सृष्टि के आवश्यक साधन
यह प्राणि शास्त्र का सत्य नहीं, जीवन दर्शन।
इस द्वन्द्व जगत में द्वन्द्वातीत निहित संगति,
’है जीव जीव का जीवन’,--रोक न सका प्रगति।
भव तत्व प्रेम: साधन हैं उभय विनाश सृजन,
साधन बन सकते नहीं सृष्टि गति में बंधन!


Sumitra Nandan Pant - सुमित्रानंदन पंत 

#Poem Gazal Shayari

#Poem_Gazal_Shayari

No comments:

Post a Comment

UP Free Scooty Scheme 2025 कैसे करें यूपी फ्री स्कूटी के लिए आवेदन यहाँ देखें सम्पूर्ण जानकारी

 UP Free Scooty Scheme 2025 कैसे करें यूपी फ्री स्कूटी के लिए आवेदन यहाँ देखें सम्पूर्ण जानकारी उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य की छात्राओं के ल...