प्रिय पाठकों! हमारा उद्देश्य आपके लिए किसी भी पाठ्य को सरलतम रूप देकर प्रस्तुत करना है, हम इसको बेहतर बनाने पर कार्य कर रहे है, हम आपके धैर्य की प्रशंसा करते है| मुक्त ज्ञानकोष, वेब स्रोतों और उन सभी पाठ्य पुस्तकों का मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ, जहाँ से जानकारी प्राप्त कर इस लेख को लिखने में सहायता हुई है | धन्यवाद!

Thursday, September 5, 2019

ये धुएँ का एक घेरा कि मैं जिसमें रह रहा हूँ - ye dhuen ka ek ghera ki main jisamen rah raha hoon - - दुष्यंत कुमार - Dushyant Kumar

ये धुएँ का एक घेरा कि मैं जिसमें रह रहा हूँ

मुझे किस क़दर नया है, मैं जो दर्द सह रहा हूँ


ये ज़मीन तप रही थी ये मकान तप रहे थे

तेरा इंतज़ार था जो मैं इसी जगह रहा हूँ


मैं ठिठक गया था लेकिन तेरे साथ—साथ था मैं

तू अगर नदी हुई तो मैं तेरी सतह रहा हूँ


तेरे सर पे धूप आई तो दरख़्त बन गया मैं

तेरी ज़िन्दगी में अक्सर मैं कोई वजह रहा हूँ


कभी दिल में आरज़ू—सा, कभी मुँह में बद्दुआ—सा

मुझे जिस तरह भी चाहा, मैं उसी तरह रहा हूँ


मेरे दिल पे हाथ रक्खो, मेरी बेबसी को समझो

मैं इधर से बन रहा हूँ, मैं इधर से ढह रहा हूँ


यहाँ कौन देखता है, यहाँ कौन सोचता है

कि ये बात क्या हुई है,जो मैं शे’र कह रहा हूँ

- दुष्यंत कुमार - Dushyant Kumar

No comments:

Post a Comment

How to link aadhar and pancard online

How to link aadhar and pancard online   Linking Aadhaar and PAN has become a mandatory requirement for Indian citizens as per the government...