प्रिय दोस्तों! हमारा उद्देश्य आपके लिए किसी भी पाठ्य को सरलतम रूप देकर प्रस्तुत करना है, हम इसको बेहतर बनाने पर कार्य कर रहे है, हम आपके धैर्य की प्रशंसा करते है| मुक्त ज्ञानकोष, वेब स्रोतों और उन सभी पाठ्य पुस्तकों का मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ, जहाँ से जानकारी प्राप्त कर इस लेख को लिखने में सहायता हुई है | धन्यवाद!

Thursday, September 5, 2019

किसी को क्या पता था इस अदा पर मर मिटेंगे हम - kisee ko kya pata tha is ada par mar mitenge ham- - दुष्यंत कुमार - Dushyant Kumar

किसी को क्या पता था इस अदा पर मर मिटेंगे हम

किसी का हाथ उठ्ठा और अलकों तक चला आया


वो बरगश्ता थे कुछ हमसे उन्हें क्योंकर यक़ीं आता

चलो अच्छा हुआ एहसास पलकों तक चला आया


जो हमको ढूँढने निकला तो फिर वापस नहीं लौटा

तसव्वुर ऐसे ग़ैर—आबाद हलकों तक चला आया


लगन ऐसी खरी थी तीरगी आड़े नहीं आई

ये सपना सुब्ह के हल्के धुँधलकों तक चला आया

- दुष्यंत कुमार - Dushyant Kumar

No comments:

Post a Comment

Describe the difference between a public network and a private network @PoemGazalShayari.in

 Describe the difference between a public network and a private network Topic Coverd: Private Network: Access Restriction Security Scalabili...