प्रिय पाठकों! हमारा उद्देश्य आपके लिए किसी भी पाठ्य को सरलतम रूप देकर प्रस्तुत करना है, हम इसको बेहतर बनाने पर कार्य कर रहे है, हम आपके धैर्य की प्रशंसा करते है| मुक्त ज्ञानकोष, वेब स्रोतों और उन सभी पाठ्य पुस्तकों का मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ, जहाँ से जानकारी प्राप्त कर इस लेख को लिखने में सहायता हुई है | धन्यवाद!

Sunday, August 11, 2019

कहीं छत थी, दीवारो-दर थे कहीं मिला मुझको घर का पता देर से - kaheen chhat thee, deevaaro-dar the kaheen mila mujhako ghar ka pata der se - nida faazalee- निदा फ़ाज़ली

कहीं छत थी, दीवारो-दर थे कहीं मिला मुझको घर का पता देर से
दिया तो बहुत ज़िन्दगी ने मुझे मगर जो दिया वो दिया देर से

हुआ न कोई काम मामूल से गुजारे शबों-रोज़ कुछ इस तरह
कभी चाँद चमका ग़लत वक़्त पर कभी घर में सूरज उगा देर से

कभी रुक गये राह में बेसबब कभी वक़्त से पहले घिर आयी शब
हुए बन्द दरवाज़े खुल-खुल के सब जहाँ भी गया मैं गया देर से 

ये सब इत्तिफ़ाक़ात का खेल है यही है जुदाई, यही मेल है
मैं मुड़-मुड़ के देखा किया दूर तक बनी वो ख़मोशी, सदा देर से 

सजा दिन भी रौशन हुई रात भी भरे जाम लगराई बरसात भी
रहे साथ कुछ ऐसे हालात भी जो होना था जल्दी हुआ देर से 

भटकती रही यूँ ही हर बन्दगी  मिली न कहीं से कोई रौशनी
छुपा था कहीं भीड़ में आदमी हुआ मुझमें रौशन ख़ुदा देर से


- nida faazalee- निदा फ़ाज़ली


No comments:

Post a Comment

What is the Group Policy Editor in windows opration system?

What is the Group Policy Editor in windows opration system?  Key Content: What is Group Policy Editor? How to Open Group Policy Editor? Grou...