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Monday, August 19, 2019

अकारण ही मैं नहीं उदास - akaaran hee main nahin udaas - - हरिवंशराय बच्चन - harivansharaay bachchan

अकारण ही मैं नहीं उदास

अपने में ही सिकुड सिमट कर
जी लेने का बीता अवसर
जब अपना सुख दुख था, अपना ही उछाह उच्छ्वास
अकारण ही मैं नहीं उदास

अब अपनी सीमा में बंध कर
देश काल से बचना दुष्कर
यह संभव था कभी नही, पर संभव था विश्वास
अकारण ही मैं नहीं उदास

एक सुनहरे चित्रपटल पर
दाग लगाने में है तत्पर
अपने उच्छृंखल हाथों से, उत्पाती इतिहास
अकारण ही मैं नहीं उदास

- हरिवंशराय बच्चन - harivansharaay bachchan

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