दुनिया दूषती है - duniya dooshatee hai - फणीश्वर नाथ रेणु - Phanishwar Nath Renu

 दुनिया दूषती है

हँसती है

उँगलियाँ उठा कहती है ...

कहकहे कसती है -

राम रे राम!

क्या पहरावा है

क्या चाल-ढाल

सबड़-झबड़

आल-जाल-बाल

हाल में लिया है भेख?

जटा या केश?

जनाना-ना-मर्दाना

या जन .......

अ... खा... हा... हा.. ही.. ही...

मर्द रे मर्द

दूषती है दुनिया

मानो दुनिया मेरी बीवी

हो-पहरावे-ओढ़ावे

चाल-ढाल

उसकी रुचि, पसंद के अनुसार

या रुचि का

सजाया-सँवारा पुतुल मात्र,

मैं

मेरा पुरुष

बहुरूपिया।


फणीश्वर नाथ रेणु - Phanishwar Nath Renu

Comments

Popular posts from this blog

ग अक्षर से शुरू होने वाले गाने | Hindi Song From Word G (ग शब्द से हिंदी गाने) | poemgazalshayari.in

इ शब्द से शुरू होने वाले हिंदी गाने | List of Hindi Song From Word I (इ/ई शब्द से हिंदी गीत ) | poemgazalshayari.in

अ से शुरू होने वाले हिंदी गाने | अंताक्षरी गाने– Hindi Song From Aa (आ शब्द से हिन्दी गाने) | Poemgazalshayari.in