तेरा मेरा मनुवां कैसे एक होइ रे - tera mera manuvaan kaise ek hoi re - कबीर- Kabir #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

तेरा मेरा मनुवां कैसे एक होइ रे ।


मै कहता हौं आँखन देखी, तू कहता कागद की लेखी ।

मै कहता सुरझावन हारी, तू राख्यो अरुझाई रे ॥


मै कहता तू जागत रहियो, तू जाता है सोई रे ।

मै कहता निरमोही रहियो, तू जाता है मोहि रे ॥


जुगन-जुगन समझावत हारा, कहा न मानत कोई रे ।

तू तो रंगी फिरै बिहंगी, सब धन डारा खोई रे ॥


सतगुरू धारा निर्मल बाहै, बामे काया धोई रे ।

कहत कबीर सुनो भाई साधो, तब ही वैसा होई रे


 कबीर- Kabir

#www.poemgazalshayari.in

||Poem|Gazal|Shayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

Comments

Popular posts from this blog

ग अक्षर से शुरू होने वाले गाने | Hindi Song From Word G (ग शब्द से हिंदी गाने) | poemgazalshayari.in

इ शब्द से शुरू होने वाले हिंदी गाने | List of Hindi Song From Word I (इ/ई शब्द से हिंदी गीत ) | poemgazalshayari.in

अ से शुरू होने वाले हिंदी गाने | अंताक्षरी गाने– Hindi Song From Aa (आ शब्द से हिन्दी गाने) | Poemgazalshayari.in