ताथैं पतित नहीं को अपांवन -taathain patit nahin ko apaanvan -- रैदास- Raidas #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

ताथैं पतित नहीं को अपांवन। हरि तजि आंनहि ध्यावै रे।
हम अपूजि पूजि भये हरि थैं, नांउं अनूपम गावै रे।। टेक।।
अष्टादस ब्याकरन बखांनै, तीनि काल षट जीता रे।
प्रेम भगति अंतरगति नांहीं, ताथैं धानुक नीका रे।।१।।
ताथैं भलौ स्वांन कौ सत्रु, हरि चरनां चित लावै रे।
मूंवां मुकति बैकुंठा बासा, जीवत इहाँ जस पावै रे।।२।।
हम अपराधी नीच घरि जनमे, कुटंब लोग करैं हासी रे।
कहै रैदास नाम जपि रसनीं, काटै जंम की पासी रे।।३।।

- रैदास- Raidas

#www.poemgazalshayari.in

||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

Comments

Popular posts from this blog

ग अक्षर से शुरू होने वाले गाने | Hindi Song From Word G (ग शब्द से हिंदी गाने) | poemgazalshayari.in

इ शब्द से शुरू होने वाले हिंदी गाने | List of Hindi Song From Word I (इ/ई शब्द से हिंदी गीत ) | poemgazalshayari.in

अ से शुरू होने वाले हिंदी गाने | अंताक्षरी गाने– Hindi Song From Aa (आ शब्द से हिन्दी गाने) | Poemgazalshayari.in