प्रिय दोस्तों! हमारा उद्देश्य आपके लिए किसी भी पाठ्य को सरलतम रूप देकर प्रस्तुत करना है, हम इसको बेहतर बनाने पर कार्य कर रहे है, हम आपके धैर्य की प्रशंसा करते है| मुक्त ज्ञानकोष, वेब स्रोतों और उन सभी पाठ्य पुस्तकों का मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ, जहाँ से जानकारी प्राप्त कर इस लेख को लिखने में सहायता हुई है | धन्यवाद!

Sunday, June 21, 2020

पढ़ो- पढ़ो अख़बार पढ़ो, समाचार दुमदार पढ़ो - padho- padho akhabaar padho, samaachaar dumadaar padho -- जयप्रकाश त्रिपाठी- Jayprakash Tripathi #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

पढ़ो- पढ़ो अख़बार पढ़ो, समाचार दुमदार पढ़ो,
जन का बण्टाढार पढ़ो, धन की जय-जयकार पढ़ो।

झूठ-साँच सौ बार पढ़ो, सुबह-सुबह व्यभिचार पढ़ो,
नेता की ललकार पढ़ो, अफ़सर की हुँकार पढ़ो,
बाक़ी सब लाचार पढ़ो ....पढ़ो- पढ़ो, अख़बार पढ़ो।

महँगी-महँगी रेल पढ़ो, बिना टिकट के जेल पढ़ो,
विज्ञापन के खेल पढ़ो, तरह-तरह के तेल पढ़ो,
मँजे हुए मक्कार पढ़ो, ....पढ़ो-पढ़ो, अख़बार पढ़ो।

खूब कोढ़ में खाज पढ़ो, लूटपाट का राज पढ़ो,
खल के माथे ताज पढ़ो, चोर-घोटालेबाज़ पढ़ो,
राजनीति बटमार पढ़ो....पढ़ो-पढ़ो, अख़बार पढ़ो।

शान्ति-शान्ति का शोर पढ़ो, मार-काट चहुंँओर पढ़ो,
लबार, लम्पट, चोर पढ़ो, पूँजी आदमख़ोर पढ़ो,
भूँजी भाँग उधार पढ़ो, पढ़ो-पढ़ो अख़बार पढ़ो।

बेबस हिन्दुस्तान पढ़ो, मस्त माफ़िया-डान पढ़ो,
नटवर तोड़ें तान पढ़ो, नेता के गुणगान पढ़ो,
महिमा अपरम्पार पढ़ो..... पढ़ो-पढ़ो अख़बार पढ़ो।



- जयप्रकाश त्रिपाठी- Jayprakash Tripathi

#www.poemgazalshayari.in

||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

No comments:

Post a Comment

Free Remote control apps like anydesk | Freemium & Commercial Options

 List of Free Remote control apps like Anydesk RustDesk – A great open-source alternative to AnyDesk with self-hosting capabilities. UltraVN...