प्रिय दोस्तों! हमारा उद्देश्य आपके लिए किसी भी पाठ्य को सरलतम रूप देकर प्रस्तुत करना है, हम इसको बेहतर बनाने पर कार्य कर रहे है, हम आपके धैर्य की प्रशंसा करते है| मुक्त ज्ञानकोष, वेब स्रोतों और उन सभी पाठ्य पुस्तकों का मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ, जहाँ से जानकारी प्राप्त कर इस लेख को लिखने में सहायता हुई है | धन्यवाद!

Thursday, June 18, 2020

मैंने जब-जब लिखना चाहा - mainne jab-jab likhana chaaha -- जयप्रकाश त्रिपाठी- Jayprakash Tripathi #www.poemgazalshayari.in ||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

मैंने जब-जब लिखना चाहा, कभी नहीं लिख पाया तुमको।
मैंने जब-जब पढ़ना चाहा, कभी नहीं पढ़ पाया तुमको।
तुम इतना क्यों ऐसे-ऐसे।
मैंने जब-जब सुनना चाहा, कभी नहीं सुन पाया तुमको,
मैंने जब-जब कहना चाहा, कभी नहीं कह पाया तुमको,
तुम इतना क्यों ऐसे-ऐसे।
मैंने जब-जब मिलना चाहा, कभी नहीं मिल पाया तुमसे,
संग-साथ जब जुड़ना चाहा, कभी नहीं जुड़ पाया तुमसे,
तुम इतना क्यों ऐसे-ऐसे।

लिखना-पढ़ना, कहना-सुनना, मिलना-जुलना रहा न सम्भव,
जन में तुम-सा, मन में तुम-सा, रचना के जीवन में तुम-सा,
सहज-सहज सा, सुन्दर-सुन्दर, मुक्त-मुक्त सा, खुला-खुला सा,
ओर-छोर तक युगों-युगों से आदिम बस्ती-बस्ती होकर,

शिशु की हँसी-हँसी में तिरते, रण में भी क्षण-प्रतिक्षण घिरते,
माँ के मुँह से लोरी-लोरी, युद्ध समय में गगन-गूँज तक,
आर्तनाद से घिरे-घिरे वे दस्यु न जाने अब तक तुमको
ठगने और लूटने वाले, वे समस्त जाने-अनजाने,

संघर्षों का वह इतिहास अधूरा अब भी
रक्तबीज सा, धर्मराज सा अथवा अब के राज-काज में
इस समाज में श्रम से, सीकर से, शोणित से सिंचित
जीवन के जंगल में खिंची-खिंची प्रत्यँचाओं पर

उत्तर में भी, दक्षिण में भी, धरती से नभ तक अशेष
जग को रचते-रचते, ढोते-ढोते थके न फिर भी, चले आ रहे,
चले आ रहे अन्तहीन, अविरल, अपराजित,
ऐसे किसी समय की निर्णायक बेला को,

उन सब के गाढ़े-गाढ़े सब अन्धेरों को ढँक देने को
उफन रहे आक्रोश लिये अन्तस में अपने रोष लिए
किलो, मठों के ढह जाने तक, टूट-टूट कर,
बिखर-बिखर कर उनका रौरव मिट जाने तक,

मैंने तुमको लिखना चाहा, पढ़ना चाहा, कहना चाहा, सुनना चाहा,
क्योंकि तुम, बस तुम हो ऐसे आओ-आओ, हम हैं इतने,
इतने हम हैं, इतने-इतने, हम हैं ऐसे,
आओ अभी अशेष समर है !


- जयप्रकाश त्रिपाठी- Jayprakash Tripathi

#www.poemgazalshayari.in

||Poem|Gazal|Shaayari|Hindi Kavita|Shayari|Love||

No comments:

Post a Comment

UP Free Scooty Scheme 2025 कैसे करें यूपी फ्री स्कूटी के लिए आवेदन यहाँ देखें सम्पूर्ण जानकारी

 UP Free Scooty Scheme 2025 कैसे करें यूपी फ्री स्कूटी के लिए आवेदन यहाँ देखें सम्पूर्ण जानकारी उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य की छात्राओं के ल...