प्रिय पाठकों! हमारा उद्देश्य आपके लिए किसी भी पाठ्य को सरलतम रूप देकर प्रस्तुत करना है, हम इसको बेहतर बनाने पर कार्य कर रहे है, हम आपके धैर्य की प्रशंसा करते है| मुक्त ज्ञानकोष, वेब स्रोतों और उन सभी पाठ्य पुस्तकों का मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ, जहाँ से जानकारी प्राप्त कर इस लेख को लिखने में सहायता हुई है | धन्यवाद!

Saturday, May 30, 2020

पृथ्वी पर आकर -- prthvee par aakar -- - अनुराधा महापात्र - Anuradha Mahapatra #www.poemgazalshayari.in

पृथ्वी पर आकर
इतनी तो जीतें हुईं, इतनी हारें,
इतने राज्य बने
श्मशानों की इतनी सारी शान्ति-वार्ताएँ!
इतने जो साधक आए, इतने कवि, सूफ़ी, त्राता;
कुछ भी तो नहीं हुआ
कई योजन दूर सरक गए शुभ-नक्षत्र —
मनुष्य की आहट पाकर
डर के मारे पक्षी भी उड़ जाते हैं।
फूलों वाले हज़ारों पेड़ों पर
थम गया फूलों का खिलना, भँवरों का गुंजन
बादलों को अंजन कहकर पुकारने पर
देखती हूँ बादल भी आगबबूला हो उठते हैं।
बरबाद हो गया जो जीवन और
पक्षियों की ध्यान की नीरवता
यदि ध्वस्त हो जाएँ प्राण भी
तो फिर महाप्राण क्या होगा तथागत!


 - अनुराधा महापात्र - Anuradha Mahapatra
#www.poemgazalshayari.in

No comments:

Post a Comment

How to sell on OLX | OLX full tutorial | Online Sellings

 How to sell on OLX | OLX full tutorial  Key Content: Research your product Highlight the key features Be concise and specific Use keywords ...