जाम-ए-जम लाया है घर घर दुनिया के हालात
दिल की बातें हम तेरी तस्वीर से पूछते ह
दुनिया कब करवट बदलेगी कब जागेंगे शहर
कैसी बातें सोए हुए ज़मीर से पूछते हैं
हम से न पूछो किस जज्बे ने तुम्हें क्या ना-काम
बादशाह ऐसी बातें अपने वज़ीर से पूछते हैं
अहद से कौन मुकर जाएगा तारों को क्या इन्म
लिक्खी नहीं जो तू ने उस तहरीर से पूछते हैं
‘कासिर’ ने तो देखा है अब तक फाकों का रक्स
जौहरी ताकत क्या है जौहर-ए-‘मीर’ से पूछते हैं
गुलाम मोहम्मद क़ासिर - Ghulam Mohammad Kasir
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