प्रिय दोस्तों! हमारा उद्देश्य आपके लिए किसी भी पाठ्य को सरलतम रूप देकर प्रस्तुत करना है, हम इसको बेहतर बनाने पर कार्य कर रहे है, हम आपके धैर्य की प्रशंसा करते है| मुक्त ज्ञानकोष, वेब स्रोतों और उन सभी पाठ्य पुस्तकों का मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ, जहाँ से जानकारी प्राप्त कर इस लेख को लिखने में सहायता हुई है | धन्यवाद!

Saturday, February 15, 2020

मचल के जब भी आँखों से छलक जाते हैं दो आँसू- machal ke jab bhee aankhon se chhalak jaate hain do aansoo - गुलजार - Gulzar -Poem Gazal Shayari

मचल के जब भी आँखों से छलक जाते हैं दो आँसू
सुना है आबशारों को बड़ी तकलीफ़ होती है(१)

खुदारा अब तो बुझ जाने दो इस जलती हुई लौ को
चरागों से मज़ारों को बड़ी तकलीफ़ होती है(२)

कहू क्या वो बड़ी मासूमियत से पूछ बैठे है
क्या सचमुच दिल के मारों को बड़ी तकलीफ़ होती है(३)

तुम्हारा क्या तुम्हें तो राह दे देते हैं काँटे भी
मगर हम खांकसारों को बड़ी तकलीफ़ होती है(४)

गुलजार - Gulzar

-Poem Gazal Shayari

No comments:

Post a Comment

कंप्यूटर क्या है? सबसे आसान शब्दों में बताएं?

कंप्यूटर क्या है? सबसे आसान शब्दों में बताएं?  कई इलेक्ट्रॉनिक समूहों को व्यवस्थित कर बनाया गया, पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है, जो सोफ्ट...