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Monday, August 19, 2019

तट पर है तरुवर एकाकी - tat par hai taruvar ekaakee - - हरिवंशराय बच्चन - harivansharaay bachchan

तट पर है तरुवर एकाकी,
नौका है, सागर में,
अंतरिक्ष में खग एकाकी,
तारा है, अंबर में,

भू पर वन, वारिधि पर बेड़े,
नभ में उडु खग मेला,
नर नारी से भरे जगत में
कवि का हृदय अकेला!

- हरिवंशराय बच्चन - harivansharaay bachchan

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