प्रिय दोस्तों! हमारा उद्देश्य आपके लिए किसी भी पाठ्य को सरलतम रूप देकर प्रस्तुत करना है, हम इसको बेहतर बनाने पर कार्य कर रहे है, हम आपके धैर्य की प्रशंसा करते है| मुक्त ज्ञानकोष, वेब स्रोतों और उन सभी पाठ्य पुस्तकों का मैं धन्यवाद देना चाहता हूँ, जहाँ से जानकारी प्राप्त कर इस लेख को लिखने में सहायता हुई है | धन्यवाद!

Wednesday, October 7, 2020

यह फागुनी हवा - yah phaagunee hava - फणीश्वर नाथ रेणु - Phanishwar Nath Renu

 यह फागुनी हवा

मेरे दर्द की दवा

ले आई...ई...ई...ई

मेरे दर्द की दवा!


आंगन ऽ बोले कागा

पिछवाड़े कूकती कोयलिया

मुझे दिल से दुआ देती आई

कारी कोयलिया-या

मेरे दर्द की दवा

ले के आई-ई-दर्द की दवा!


वन-वन

गुन-गुन

बोले भौंरा

मेरे अंग-अंग झनन

बोले मृदंग मन--

मीठी मुरलिया!

यह फागुनी हवा

मेरे दर्द की दवा ले के आई

कारी कोयलिया!

अग-जग अंगड़ाई लेकर जागा

भागा भय-भरम का भूत

दूत नूतन युग का आया

गाता गीत नित्य नया

यह फागुनी हवा...!


फणीश्वर नाथ रेणु - Phanishwar Nath Renu

No comments:

Post a Comment

Describe the difference between a public network and a private network @PoemGazalShayari.in

 Describe the difference between a public network and a private network Topic Coverd: Private Network: Access Restriction Security Scalabili...