फिर बाजे बरनै हरीकी मुरलीया सुनोरे। सखी मेरो मन हरलीनो॥१॥
गोकुल बाजी ब्रिंदाबन बाजी। ज्याय बजी वो तो मथुरा नगरीया॥२॥
तूं तो बेटो नंद बाबाको। मैं बृषभानकी पुरानी गुजरियां॥३॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। हरिके चरनकी मैं तो बलैया॥४॥
- मीराबाई- Meera Bai
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